सरकारी दफ्तरों में हिंदी से परहेज

By: Sep 14th, 2017 12:05 am

मंडी —   सरकारी दफ्तरों में राज भाषा अधिनियम के तहत हिंदी में काम करने के निर्देश हैं, लेकिन ये निर्देश हकीकत में अमल में नहीं लाए जाते हैं। इस पर नजर रखने के लिए जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हर विभाग को हिंदी में किए गए कार्यों की त्रैमासिक रिपोर्ट जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग को भेजनी होती है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि अधिकतर विभाग तो रिपोर्ट ही नहीं भेजते। इसके अलावा कुछ विभाग तो हिंदी के काम की गलत रिपोर्ट ही आगे प्रेषित कर देते हैं, जबकि रिपोर्ट हकीकत से मेल नहीं खाती।  ऐसे में विभाग हिंदी के उत्थान के लिए क्या कर रहे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। जिला में गिने-चुने विभाग ही हैं, जो हिंदी में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। इनमें मत्स्य, सांख्यिकी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति निगम, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, पुलिस, जिला प्लानिंग अफसर शामिल हैं। इसके अलावा कई विभाग या तो रिपोर्ट नहीं बना रहे या जो रिपोर्ट बना रहे हैं वह हकीकत से मेल नहीं खा रही। अधिकतर विभागों की तो जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग तक रिपोर्ट ही नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिंदी के उत्थान के लिए विभागों में कितनी गंभीरता से कार्य हो रहा है। अधिकतर कार्यालयों में तो पद और नाम पट्टिका भी अंग्रेजी में ही लिखी मिलती है। भाषा एवं संस्कृति विभाग भी हिंदी में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों को सम्मानित कर इतिश्री कर लेता है, जबकि हिंदी में काम न करने पर रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार ही नहीं किया जाता।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App