सीएचसी मार्कंडेय को कब मिलेंगे डाक्टर

By: Sep 26th, 2017 12:05 am

जुखाला में लगभग 20 पंचायतों के लिए बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मार्कंडेय की हालत आजकल बहुत दयनीय हो चुकी और यह स्वास्थ्य केंद्र उधार के चिकित्सकों पर चला रहा है। कई बार उधार के चिकित्सक नहीं मिलते तो फार्मासिस्ट से काम चलाया जाता है। अगर फार्मासिस्ट भी न मिले तो यहां पर नर्सों को मरीजों की नब्ज टटोलने के लिए कहा जाता है। अस्पताल के पास अपना आलीशान भवन होने के वाबजूद यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं नाम मात्र की कभी कभार मिलती है। इस अस्पताल को आजकल रैफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है।

दिन-प्रतिदिन गिर रहा सुविधाओं का स्तर

जुखाला के रमेश ठाकुर लिल्ली का कहना है कि इस अस्पताल में दिन प्रतिदिन सुविधाओं का स्तर गिरता जा रहा है। इस बारे में आलाधिकारियों को अवगत करवाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूर दराज के अस्पतालों को रुख करना पड़ रहा है।

डाक्टर की जगह नर्सें टटोल रही हैं नब्ज

गसौड़ के हरकेश चंदेल शैंकी का कहना है कि इस अस्पताल में चिकित्सक के दर्शन बहुत सौभाग्य के बाद होते हैं। अस्पताल में एमर्जेंसी में भी फार्मासिस्ट या नर्सें इलाज करती नजर आती हैं। अस्पतालों में डाक्टर न होने से स्वास्थ्य सुविधाएं राम भरोसे हैं।

अस्पताल में मरीजों को पानी तक नहीं

भोली के विवेक कुमार का कहना है कि इस अस्पताल में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है। अस्पताल में अगर पानी नहीं आ रहा है, तो अस्पताल प्रशासन की तरफ  से इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। उल्टा मरीजों या फिर उनके रिश्तेदारों को पानी का जुगाड़ करना पड़ता है।

सरकार ने पूरा नहीं किया वादा

चैतन्य शर्मा का कहना है कि अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी है, जिसके चलते न तो लोगों का इलाज हो रहा है और न ही लोगों के मेडिकल आदि बन रहे हैं। सरकार ने सत्ता में आने से पहले जनता जो वादे किए थे वे पूरे नहीं पाए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सिर्फ वादे ही मिले हैं।

कागजों तक सिमटे नियुक्ति के आदेश

माकड़ी के विक्रम ठाकुर का कहना है कि यहां पर बीएमओ का पद भी रिक्त चला है और चिकित्सकों के पद भी। कई बार स्वास्थ्य मंत्री ने इस संस्थान के लिए चिकित्सक और बीएमओ की नियुक्ति के आदेश दिए, परंतु वे भी कागजों तक ही सीमित रह गए। लोग आज सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

भरने की बजाय खत्म किए जा रहे पद

जुखाला के महेंद्र ठाकुर का कहना है कि वर्तमान सरकार ने इस अस्पताल में रिक्त पदों को भरने की बजाय पिछले दिनों एक रेडियो ग्राफर और एक ओपथैल्मिक असिस्टेंट का पद समाप्त किया है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग प्राइवेट क्लीनिकों में जाने को मजबूर हैं।


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