सुरक्षा से समझौता न हो

By: Sep 23rd, 2017 12:02 am

(अमित पडियार (ई-मेल के मार्फत) )

रोहिंग्या शरणार्थियों से सुरक्षा को खतरा होने की बात केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कही है। इनकी पार्श्वभूमि क्या है, इस विषय में सरकार को मिली जानकारी चौंकाने वाली है। इसके बावजूद रोहिंग्या मुसलमानों को देश में अब तक पनाह मिली हुई है, तो यह भारत की सहिष्णुता व सौहार्द के कारण। देश की खुफिया एजेंसियां इनके प्रति सरकार व सुरक्षा तंत्र को आगाह कर चुकी हैं। गौरतलब है कि ये लोग शरणार्थी नहीं, बल्कि अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। ऐसे में इन्हें किसी भी सूरत में हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। जिन लोगों से देश की सुरक्षा को खतरा है, उन्हें देश में प्रवेश से रोकना ही विवेकपूर्ण होगा। जो लोग पहले से घुस चुके हैं, उन्हें यहां से बाहर निकालने में ही देश की भलाई है। दूसरी किसी भी बातों से देश के नागरिकों की सुरक्षा अहम मुद्दा है, जिससे कोई भी समझौता स्वीकार्य नहीं। अगर इसमें जरा भी गड़बड़ हुई, तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। रोहिंग्याओं के मुद्दे को लेकर भारत को जहर की परीक्षा नहीं देनी चाहिए। फिर भी उन्हें भारत में शरण देने के लिए देश के कुछ इलाकों से मोर्चे निकाले जा रहे हैं। गलत लोगों के लिए मोर्चे निकाल कर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। सरकार को इनकी ओर ध्यान दिए बगैर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने चाहिएं।


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