स्कूली ‘दुकानों’ के लिए बनें स्पष्ट सुरक्षा नियम

By: Sep 13th, 2017 12:02 am

(नीरज मानिकटाहला, यमुनानगर, हरियाणा )

गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के मासूम छात्र की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। आखिर उस अबोध बच्चे प्रद्युम्न ने किसी का क्या बिगाड़ा था, जिसने अभी जिंदगी के साथ कदमताल मिलाना शुरू ही किया था। निर्दोष बालक की बर्बर हत्या के पीछे क्या राज छिपा हुआ है इसका पता तो पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही चलेगा, लेकिन यह भयावह घटना स्कूल-प्रशासन की सुरक्षा मामलों को लेकर गंभीर लापरवाही को भी दर्शाती है। सवाल यह भी है कि आखिर बच्चों के साथ स्कूल समय में स्कूल परिसर के भीतर या बाहर छेड़छाड़, यौन-शोषण सरीखे हादसे दिनोंदिन क्यों बढ़ते जा रहे हैं? ऐसी दिल दहला देने वाली ज्यादातर घटनाओं में नामी स्कूलों का नाम ही सुर्खियों में रहता है। अभिभावकों से भारी-भरकम फीस लेने के बावजूद नौनिहालों की सुरक्षा को नजरअंदाज करना विद्यालय प्रबंधन की संवेदनहीनता, असामाजिकता व काहिली को भी उजागर करता है। भविष्य में ऐसे अमानवीय हादसों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए शासन-प्रशासन को तमाम शिक्षण-संस्थानों, खासकर निजी विद्यालयों में नियमन की व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए। साथ ही विकृत मानसिकता वाले बेलगाम तत्त्वों पर भी कसकर लगाम लगानी होगी।


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