अब हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनेंगे सब-सेंटर

By: Oct 6th, 2017 12:03 am

newsशिमला  —  स्वास्थ्य उपकेंद्रों में अब मरीजों को फर्स्ट एड मिलेगी। इसके लिए नर्सों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। एनएचएम के तहत इस प्रोजेक्ट को सरकार ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके चलते 24 सब-सेंटर को हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर अपग्रेड किया जा रहा है। इस योजना के पहले चरण में कांगड़ा और सिरमौर के 12-12 संस्थानों को अपग्रेड किया जा रहा है। इन सभी में ट्रेंड नर्सों की तैनाती की जाएगी। इन नर्सों को मिड लेवल वार्डन का दर्जा दिया जाएगा। इन्हें छह माह का विशेष प्रशिक्षण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दिया जाएगा। आपातकाल में फर्स्ट एड देने के लिए भी उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।  कांगड़ा और सिरमौर में यह प्रोजेक्ट पायलट आधार पर चलाया जाएगा। गौर हो कि अक्तूबर, 2015 में जब प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी तो उसमें भी यह सिफारिश की गई थी कि नए स्वास्थ्य संस्थान खोलने के स्थान पर पहले से चल रहे स्वास्थ्य संस्थानों को अपग्रेड कर वहां पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। अब एनएचएम के तहत 24 सब-सेंटर को हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर अपग्रेड किया जा रहा है। इन सेंटर में जिन ट्रेंड नर्सों की तैनाती की जाएगी, वे हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड की ओर से होगी।

हिमाचल प्रदेश में  2706 स्वास्थ्य केंद्र

प्रदेश में वर्तमान में अलग-अलग श्रेणियों में डाक्टरों के 1897 डाक्टरों के पद हैं। इनमें से करीब 500 डाक्टरों के पद खाली हैं। पूरे प्रदेश मे वर्तमान में 2706 स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें 61 अस्पताल, 80 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 497 पीएचसी और 2068 उपस्वास्थ्य केंद्र हैं। इसके साथ ही 11 इएसआई औषधालय केंद्र भी हैं।  प्रदेश में नर्सिंग की स्थिति भी काफी खराब है। कुछ समय पूर्व ही नर्सों की आउटसोर्सिंग भी की गई, लेकिन समस्या जस की तस है। प्रदेश में करीब छह हजार नर्सों की आवश्यकता है और पूरे प्रदेश में करीब 2400 नर्सें ही उपलब्ध है।

ये हैं स्टाफ की तैनाती के नियम

विभागीय नियमों के मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लेवल वन पर एक और लेवल दो पर दो डाक्टरों की व्यवस्था होगी। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रों में चार डाक्टर होंगे। 50 बेड पर पांच चिकित्सक होंगे तो 100 बेड की क्षमता वाले संस्थान में आठ चिकित्सक और छह विशेषज्ञ और 200 बेड पर 12  चिकित्सक और 10 विशेषज्ञ चिकित्सक होंगे।  वहीं, प्रदेश में एक भी संस्थान ऐसा नहीं है, जहां पूरा स्टाफ हो।


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