आज तक क्यों नहीं हुई पार्किंग की पहल

By: Oct 5th, 2017 12:05 am

‘‘उम्मीदों की नींव पर ही सही, इक पुल चाहिए। गांव-शहर से जुड़ें, डग भरने का हमें भी हक चाहिए।’’मगर विडंबना यही रही कि लगातार उम्मीदों के कई पुल ढह गए और कई सोचे भी न जा सके। भौगोलिक परिस्थितियां सियासत के दृष्टिकोण पर इतनी भारी पड़ेंगी यही सोच कर भाषणबाजों पर तरस आता है। जब पता चलता है कि फलां भवन का नींव पत्थर 1980 में रखा गया या फिर 15 बर्ष से उद्घाटन को तरस रही सड़क। या फिर शहीद अथवा स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर घोषणाएं। ये तमाम बातें कुछ समय बाद जनता को सुविधा नहीं मिलने पर एक टीस जरूर दे जाती है। जनता को मतदाता समझने वाले राजनेताओं को पांच वर्ष बाद याद आती है, तब तक लोग ऊब चुके होते हैं और फिर अपने हकों की आवाज उठाते हैं। लोगों के इसी दर्द का हिस्सा बनने के लिए प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ अपनी नई सीरीज ‘हक से कहो’ के तहत जनता की आवाज बनकर आगे आ रहा है                                                   अजय शर्मा ,भरमौर

पेयजल को लेकर कोरे आश्वासन

 भरमौर विधानसभा क्षेत्र की होली घाटी से संबंध रखने वाले रविंद्र ठाकुर का कहना है कि उपतहसील मुख्यालय होली में वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था करने के लिए किसी स्तर पर पहल नहीं हो पाई है। पूर्व में उपमंडलीय प्रशासन की ओर से एसडीएम ने खुद होली पहुंच कर व्यापारियों और टैक्सी आपरेटरों से बातचीत करने के बाद पार्किंग निर्माण के लिए भूमि चयन किया था। भूमि चयन प्रक्रिया के बाद यहां पर आगामी प्रक्रिया हुई   या नहीं , इस बारे में कुछ पता नहीं। पार्किंग न होने के कारण बस अड्डे के दुकानदारों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। होली पंचायत में स्वच्छ पेयजल सुविधा भी अभी तक उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाई है। हालात यह है कि लोग यहां मटमैला पानी पीने को मजबूर हैं। वहीं पंचायत के अधिकतर गांव इन दिनों भी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। पेयजल योजना का निर्माण कार्य अभी तक लटका हुआ है और लोग यहां बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।

टनल के नाम पर नेताओं ने छला

होली घाटी से ही संबंध रखने वाले कमल ठाकुर का कहना है कि होली सड़क की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। वाहन चालकों को यहां पर आए दिन नुकसान उठाना पड़ रहा है। जनता सड़क को दुरुस्त करने की मांग कई मर्तबा उठा चुकी है। बावजूद इसके न तो लोक निर्माण विभाग और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने सड़क को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। मौजूदा समय में होली-दयोल-न्याग्रां सड़क पर हलके वाहन चालकों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है। पर्यटन की दृष्टि से होली घाटी को विकसित करने के लिए सरकारी तौर पर अभी तक पहल नहीं हो पाई है। होली घाटी का क्यूर डल, अदंलाग्रां में गर्म पानी का चश्मा समेत लाके वाली माता मंदिर समेत अन्य कई धार्मिक पर्यटक स्थल है। किसी भी सरकार ने क्षेत्र का साहसिक और धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए योजना तैयार नहीं की।  टनल निर्माण के नाम पर भरमौर क्षेत्र की जनता को राजनीतिक दलों ने छला है। हर चुनाव में अहम मुददा बनाने वाले राजनीतिक दल वक्त आने पर जनसभाओं में ही टनल निर्माण का जिक्र करते हैं। होली-उतराला सुरंग निर्माण को सही करार नहीं दिया गया, तो होली-चामुंडा सुरंग निर्माण पर भी सरकार ने हाथ खडे कर दिए है।  टनल निर्माण करने की कवायद राजनीतिक दलों की घोषणाओं तक ही सिमट कर रह गई है।

मूलभूत सुविधाओं को  तरस रहे

ग्राम पंचायत बजोल की प्रधान सीमा देवी का कहना है कि उनकी पंचायत भरमौर क्षेत्र में अति दुर्गम पंचायतों में शामिल है। पंचायत के आधा दर्जन से अधिक गांव अभी तक सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए है। जिसके चलते ग्रामीण आज भी रोजमर्रा की वस्तुओं को पीठ पर उठाने के लिए मजबूर हैं। डेढ़ दशक पहले पंचायत मुख्यालय को सड़क सुविधा से जोड़ने की कवायद आरंभ हुई थी, लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। अलबत्ता गंभीर बीमारी की स्थिति में मरीज को पालकी में बिठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। पंचायत में बिजली की आपूर्ति बड़ी मुश्किल से वर्ष में पांच महीने ही सुचारु रहती है। खासकर सर्दियों में तीन से चार महीने यहां पर बत्ती पूरी तरह से गुल रहती है। बिजली व्यवस्था को सुचारु रखने की मांग पंचायत द्वारा विभिन्न मंचों पर कई मर्तबा उठाई जा चुकी है। लेकिन अभी तक समस्या का स्थायी तौर पर हल नहीं हो पाया है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर पंचायत में एक डिस्पेंसरी तक नहीं है। उनकी मानें तो शायद ही प्रदेश में बजोल पंचायत इकलौती ऐसी होगी, जिसमें अभी तक स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कोई भी सरकार एक डिस्पेंसरी तक नहीं खोल पाई है। ग्रामीणों को एक सिरदर्द की गोली के लिए भी लंबा सफर तय कर होली अस्पताल पहुंचना पड़ता है। दुर्घटना पीडि़त कई मर्तबा अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App