आभार रैली में अनुत्तरित रह गए बड़े प्रश्न

By: Oct 7th, 2017 12:03 am

विजय शर्मा

लेखक, हिम्मर, हमीरपुर से हैं

जिन तीन बड़ी परियोजनाओं का प्रधानमंत्री मोदी ने शिलान्यास या लोकार्पण किया, वे सब पुरानी योजनाएं थीं। वह जनता को हिमाचल से अपने रिश्तों की मीठी लोरी सुनाकर अगले चुनावों में भाजपा को जिताने की अपील कर गए, लेकिन बेरोजगारी, महंगाई पर चुप्पी साधे रहे…

चुनावी मुहुर्त से पहले हिमाचल के बिलासपुर में आहूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से प्रदेश के युवा निराश एवं जनता हताश है। हिमाचल की जनता और विशेषकर युवाओं को प्रधानमंत्री की तरफ से विशेष घोषणाओं का इंतजार था। मसलन प्रदेश की जनता की भावनाओं के अनुरूप पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की पुरानी मांग के तहत सेना में सिख, गोरखा और जाट रेजिमेंट की तरह हिमाचल रेजिमेंट का गठन, बड़े स्तर पर युवाओं के रोजगार मुहैया कराने वाली किसी बड़ी केंद्रीय परियोजना की घोषणा तथा भाखड़ा बांध के विस्थापितों के लिए राहत पैकेज के अलावा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए स्थायी पैकेज की घोषणा होने की उम्मीद थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश की जनता को अपने हिमाचली लगाव की दुहाई देकर चलते बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण खत्म होते-होते युवाओं के सपने भी चकनाचूर हो गए और जनता को हताशा ही हाथ लगी। भाखड़ा बांध, गोबिंदसागर झील और इसके कारण हुए विस्थापितों की कुर्बानियों का जिक्र तो उन्होंने किया, लेकिन उनके लिए किसी राहत पैकेज की घोषणा नहीं की। इसी प्रकार प्रदेश के सैनिकों और उनकी शहादत को तो याद किया, लेकिन सैनिकों के पुनर्वास के लिए एक शब्द नहीं कहा। पहाड़ी राज्यों की कठिन भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखकर किसानों, बागबानों तथा पर्यटन के लिए किसी राहत पैकेज की घोषणा न करना भी प्रदेश की जनता को अखर रहा है। प्रदेश की जनता इस बात से भी हैरान है कि पेट्रोल व डीजल पर एक्साइज बढ़ोतरी, महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला और न ही वह कोई आश्वासन दे पाए कि भविष्य में सरकार कच्चे तेल की घटी अंतरराष्ट्रीय कीमतों का लाभ जनता को देगी या बेरोजगारी समाप्त करने के लिए उनके पास कोई योजना है।

प्रधानमंत्री मोदी जनता को हिमाचल से अपने रिश्तों की मीठी लोरी सुनाकर अगले चुनावों में भाजपा को जिताने की अपील करते नजर आए, लेकिन बेरोजगारी, महंगाई पर चुप्पी साधे रहे और कांग्रेस को कोसते नजर आए। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में  बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की घोषणा तीन वर्ष पूर्व हुई थी। प्रदेश में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने उलझनें पैदा कीं और तीन साल बाद इसका शिलान्यास हो सका। यहीं से प्रधानमंत्री ने ऊना में प्रस्तावित ट्रिपल आईटी का शिलान्यास भी किया और कांगड़ा के कंदरोड़ी में नवनिर्मित स्टील प्लांट का लोकार्पण भी। असल में एम्स, ट्रिपल आईटी और इस्पात संयंत्र समेत जिन तीन बड़ी परियोजनाओं का प्रधानमंत्री ने शिलान्यास, लोकार्पण और उद्घाटन किया, वे सब पुरानी योजनाएं थीं। पहले से ही इनकी प्रक्रिया चल रही थी। इसके अलावा प्रदेश की जनता को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री पद को लेकर भी नरेंद्र मोदी कोई इशारा कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने अमित शाह और पार्टी लाइन से हटकर कोई संकेत नहीं दिया, बल्कि जेपी नड्डा के काम खूब कसीदे पढ़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में तो संतुलन साधने की कोशिश की और प्रेम कुमार धूमल और जेपी नड्डा को बराबर अहमियत दी, लेकिन समझा जाता है कि अंदरखाते वह प्रेम कुमार धूमल और पार्टी को इशारा कर गए हैं। रैली से एक दिन बाद ही प्रदेश भाजपा की तरफ से एक पोस्टर सामने आया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रेम कुमार धूमल का फोटो क्रमवार लगा है।

इससे साफ है कि प्रेम कुमार धूमल ही भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे। ट्रिपल आईटी के निर्माण के लिए राज्य सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2014 में 60 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई गई थी। इसका निर्माण 128 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। भारत सरकार लागत का 50 प्रतिशत, जबकि राज्य सरकार 35 प्रतिशत खर्च वहन करेगी और शेष 15 प्रतिशत प्रदेश ऊर्जा निगम तथा प्रदेश ऊर्जा ट्रांसमिशन निगम उद्योग के भागीदारों द्वारा वहन किया जाएगा। आरंभ में आईआईआईटी में तीन पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसकी कक्षाएं शैक्षणिक सत्र 2014-15 से ही एनआईटी हमीरपुर में शुरू की गई थीं। इसी प्रकार कांगड़ा जिला के कंदरोड़ी में 70 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस्पात प्रसंस्करण संयंत्र का निर्माण भी 2014 में शुरू हुआ था। चुनावी वर्ष में आयोजित इस रैली को सफल बनाने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। सांसद अनुराग ठाकुर का संसदीय क्षेत्र और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का गृह जिला होने के कारण दोनों ही अपने-अपने स्तर पर इसे सफल बनाने में जुटे थे। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती सहित पूरी पार्टी रैली को सफल बनाने में जुटी थी और भीड़ के पैमाने पर रैली को सफल कहा जा सकता है। रैली में हजारों की भीड़ देख गदगद मोदी ने नड्डा की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि नई-नई स्वास्थ्य सुधार योजनाएं क्रियान्वित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री नड्डा अनेक तौर-तरीके ढूंढते रहते हैं, तो फिर इस बयान के क्या मायने निकाले जाएं?


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