उद्योगों की रफ्तार तेज खाद्य महंगाई में राहत
सरकार के आंकड़ों में आर्थिक मोर्चे पर अच्छे दिन
नई दिल्ली— आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर है। उद्योग की रफ्तार जहां अगस्त में तेज हुई, वहीं सितंबर में खुदरा महंगाई दर अपने पुराने स्तर पर ही बनी रही। खास बात यह है कि खाने-पीने के सामानों की खुदरा महंगाई दर घट गई है। सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के महीने में औद्योगिक विकास दर 4.3 फीसदी रही, जबकि जुलाई के महीने में यह दर 0.94 फीसदी थी। बीते साल अगस्त की बात करें तो उस महीने में यह दर चार फीसदी पर रिकार्ड की गई थी। उधर, महंगाई के मोर्चे पर सितंबर के दौरान कुछ राहत मिली। खुदरा महंगाई दर अगस्त के 3.28 फीसदी के स्तर पर ही बनी रही, जबकि खाने-पीने के सामान की खुदरा महंगाई दर 1.52 फीसदी से घटकर 1.25 फीसदी पर आ गई। सितंबर के दौरान दाल के दाम 22 फीसदी से ज्यादा घटे, लेकिन चिंता की बात ये है कि फल, सब्जियों के साथ-साथ चीनी और कन्फेक्शनरी की खुदरा महंगाई दर अभी भी बढ़ रही है। फल के मामले में खुदरा महंगाई दर 5.14 फीसदी, सब्जियों के मामले में 3.92 फीसदी और चीनी व कन्फेक्शनरी के मामले में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही।
खनन सेक्टर ने निभाई बड़ी भूमिका
उद्योग की रफ्तार बढ़ाने में खनन और बिजली ने बड़ी भूमिका निभाई। खनन की विकास दर जुलाई में जहां साढ़े चार फीसदी थी, वही अगस्त में बढ़कर 9.3 फीसदी हो गई। खनन में तेजी का मतलब ये है कि विभिन्न उद्योगों में कच्चे माल की मांग बढ़ रही है। जब ज्यादा कच्चा माल मुहैया कराया जाएगा तो उससे उत्पादन की रफ्तार भी बढ़ेगी और इसका सबूत बिजली की मांग में देखी जा सकती है। कुछ यही वजह रही कि अगस्त के दौरान बिजली उत्पादन बढ़ने की दर साढ़े छह फीसदी से बढ़कर 8.3 फीसदी पर पहुंच गई।
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