कछुआ चाल जांच

By: Oct 14th, 2017 12:02 am

(रूप सिंह नेगी, सोलन )

इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही माना जाना चाहिए कि कोटखाई में बिटिया प्रकरण में सीबीआई को भी कातिलों का सुराग अब तक हाथ नहीं लग पाया है। संभवतयः इसीलिए माननीय उच्च न्यायालय ने एक बार फिर से सीबीआई को फटकार लगाई है। आने वाले समय में इस मामले की जांच क्या करवट लेती है, क्या बिटिया को न्याय मिल पाएगा और न्याय कब जाकर मिलेगा, इस पर फिलहाल संदेह ही बना हुआ है। बताया जाता है कि कुछ गुस्साए लोगों ने हिमाचल पुलिस पर विश्वास नहीं होने की वजह से थाने में आग लगाई थी। उस आगजनी में रिकार्ड के साथ शायद कुछ अहम सबूत भी नष्ट हो गए थे। राजनीतिक दलों ने भी तकरीबन डेढ़ महीने तक  प्रर्दशन, चक्का जाम, आक्रोश रैलियां निकाल कर राजनीतिक रोटियां सेंकी हैं। बहरहाल ऐसा लगता नहीं है कि राजनीतिक रोटियां सेंकने के बावजूद राजनीति पीडि़ता को न्याय दिलाने में सफल हुई हो। जिन तत्त्वों ने थाने को आग के हवाले किया था, उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई होने की खबरें नहीं आने से संदेह पैदा होना स्वाभाविक है कि प्रशासन व सरकार ने कहीं उस मामले को ठंडे बसते में तो नहीं डाल दिया। चाहे जो भी हो, लेकिन अब इस मामले में और इंजतार सही नहीं। जो भी जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं, उन्हें जल्द से जल्द असल कातिलों का पता लगाना चाहिए, ताकि जनता का विश्वास कमजोर न पड़े।


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