कश्मीर में दो गरुड़ कमांडो शहीद
बांदीपोरा में मुठभेड़; सुरक्षा बलों ने मार गिराए दो आतंकवादी
श्रीनगर— जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिला में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में इंडियन एयरफोर्स की गरुड़ फोर्स के दो कमांडो शहीद हो गए। इस दौरान दो आतंकवादी भी मारे गए। ऑफिशियल्स के मुताबिक मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तोएबा के थे। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कह कि अभियान के अनुभव और प्रशिक्षण के लिए सेना के साथ शामिल हुए ये दो गरुड़ जवान कार्रवाई के दौरान शहीद हो गए। 1990 में घाटी में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि एनकाउंटर में गरुड़ फोर्स के कमांडो शहीद हुए हैं। इससे पहले दो जनवरी, 2016 में पंजाब में पाकिस्तान के बार्डर से सटे पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में इसी फोर्स का एक कमांडो शहीद हुआ था। श्री कालिया ने बताया कि हाजिन इलाके में आतंकियों की मौजूदगी का पता चला था। इसके बाद स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी), स्टेट पुलिस और आर्मी ने बुधवार सुबह ज्वाइंट सर्च आपरेशन चलाया। सिक्योरिटी फोर्स संबंधित इलाके में जब आगे बढ़ रही थी, तभी आतंकियों ने ऑटोमैटिक वेपन्स से उन पर फायर किए। इसके बाद सिक्योरिटी फोर्स ने जवाबी फायरिंग में दो आतंकी मार गिराए। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस गोलीबारी में तीन जवान घायल हो गए। उनमें से दो गंभीर रूप से घायल जवानों ने बाद में दम तोड़ दिया। गरुड़ कमांडो भारतीय वायुसेना की एक विशेष इकाई है, जिसमें 1000 से ज्यादा कमांडो हैं। गरुड़ कमांडो को नौसेना के मार्कोस और सेना के पैरा कमांडो की तर्ज पर प्रशिक्षित किया जाता है। जम्मू एंड कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद के मुताबिक मारे गए आतंकियों में एक पाकिस्तानी था, जबकि दूसरा लोकल सिटीजन था। पाक आतंकी की पहचान अली उर्फ अबु माज के रूप में हुई है, लोकल आतंकी का नाम नसरुल्लाह मीर था।
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