कांग्रेस को हमेशा चुनौती बना रहा कुटलैहड़

By: Oct 14th, 2017 12:40 am

1967-2012 तक मात्र दो दफा ही जीत पाई कांग्रेस, पांच बार भाजपा ने कब्जाई सीट

ऊना – जिला ऊना के दुर्गम व कठिन क्षेत्र के रूप में माने जाने वाला कुटलैहड़ विस क्षेत्र राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम रहा है। 1998 में मात्र तीन वोटों से जीत दर्ज कर भाजपा के रामदास मलांगड़ ने प्रदेश में प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कुटलैहड़ विस क्षेत्र कांग्रेस पार्टी के लिए हमेशा चुनौती बना रहा है। 1967 से लेकर 2012 तक इस विस क्षेत्र में 11 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी केवल मात्र दो दफा ही जीत पाई है। 1972 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज करने वाली वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री सरला शर्मा भी पिछले चार दशकों में इस क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला नेत्री रही है। भाजपा के लिए सुरक्षित माने जानी वाली इस सीट में पिछले लगातार पांच विस चुनावोंं में भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस लगातार छह विस चुनाव इस सीट से हार चुकी है। जनता दल ने दो बार, जनता पार्टी ने एक बार तथा एक बार निर्दलीय प्रत्याशी ने यहां से जीत दर्ज की है। 1977 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में एक मत से पिछड़ कर सत्ता की दौड़ से बाहर हुए ठाकुर रंजीत सिंह 1967, 1982 व 1990 तीन बार यहां से विधायक रहे हैं। ठाकुर रंजीत सिंह जनता दल के प्रत्याशी के रूप में दो बार तथा एक बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीत चुके हैं। पूर्व विस उपाध्यक्ष रामनाथ शर्मा ने दो बार 1977 व 1985 में इस विस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। पूर्व विस उपाध्यक्ष रामदास मलांगढ़ 1993 व 1998 में क्षेत्र से विधायक रहे, जबकि मौजूदा विधायक वीरेंद्र कंवर 2003 से लगातार तीसरी बार कुटलैहड़ के विधायक हैं। 2012 के विस चुनावों में वीरेंद्र कंवर ने भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए रामदास मलागड़ को 1692 मतों से पराजित कर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की थी, जबकि श्री मलांगड़ का इस सीट से तिकड़ी लगाने का सपना टूट गया था। उधर, 1967 व 1972 में सरला शर्मा को कांग्रेस ने कुटलैहड़ विस क्षेत्र से उतारा। 1972 में सरला शर्मा यहां से विजयी हुईं।

कौन कब बना विधायक

वर्ष        विधायक  दल

1967      ठाकुर रणजीत सिंह   निर्दलीय

1972      सरला शर्मा            कांग्रेस

1977      रामनाथ शर्मा          जनता पार्टी

1982      ठा. रणजीत सिंह      जनता दल

1985      रामनाथ शर्मा          कांग्रेस

1990     ठा. रणजीत सिंह      जनता दल

1993      रामदास मलांगड़     भाजपा

1998      रामदास मलांगड़     भाजपा

2003      वीरेंद्र कंवर            भाजपा

2007      वीरेंद्र कंवर            भाजपा

2012      वीरेंद्र कंवर            भाजपा


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