कांचा इलैया की किताब पर बैन नहीं
नई दिल्ली — सुप्रीम कोर्ट ने प्रो. कांचा इलैया की किताब पर बैन लगाने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने बैन लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कहा कि हम यहां किताबों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नहीं बैठे हैं। पीठ ने कहा कि किसी किताब को केवल इसलिए बैन नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह विवादित है। लेखक और चिंतक कांचा इलैया बीते एक महीने से अपनी किताब ‘पोस्ट-हिंदू इंडिया’ के अनुवादित अंश ‘सामाजिका स्मगलर्लु कोमाटोल्लू’ पर हुए विवाद में घिरे हैं। आर्य वैश्य समुदाय की ओर से समुदाय को ‘सोशल स्मगलर’ कहने पर काफी आपत्ति जताई गई थी। इस किताब को बैन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। बीते 13 अक्तूबर को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लेखक के अभिव्यक्ति के अधिकार का हवाला देते हुए इस याचिका को ख़ारिज कर दिया था। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि किताबों पर प्रतिबंध लगाना उसकी क्षमताओं में नहीं आता, क्योंकि ये लेखक के उसके आस-पास समाज के बारे में विचार हैं, जिसे व्यक्त करने के लिए वे स्वतंत्र हैं।
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