जीएसटी दरों में बदलाव जरूरी

By: Oct 23rd, 2017 12:04 am

सरकार ने किया स्वीकार, अभ्यस्त होने में लगेगा एक साल

नई दिल्ली — देश के बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी के अब पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद टैक्स रेट्स में बदलाव की जरूरत है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि टैक्स रेट्स में बदलाव करने पर ही छोटे और मझोले कारोबारों से टैक्स का बोझ कम किया जा सकता है। अधिया ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और वैट जैसे दर्जनों भर केंद्रीय और राजकीय करों को खत्म करने वाले जीएसटी को स्थिर होने में एक साल का वक्त लग सकता है। चार महीने पहले लागू हुए जीएसटी में अब भी कई समस्याएं आ रही हैं और कंप्लायंस इश्यू हो रहे हैं। जीएसटी पर फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी काउंसिल इन दिक्कतों को खत्म करने के लिए जीएसटी में कई बार बदलाव कर चुकी है। छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए टैक्स भरने और जीएसटी रिटर्न फाइल करने को आसान बनाने के लिए काउंसिल ने कई बदलाव किए हैं, जिससे जीएसटी इंडस्ट्री फ्रेंडली हो जाए। जीएसटी काउंसिल ने 100 से ज्यादा कमोडिटीज की कीमतों में बदलाव किया है और निर्यातकों के लिए रिफंड प्रोसेस को आसान बनाया है। अधिया ने कहा कि जीएसटी में टैक्स रेट्स में बड़े सुधार की जरूरत है। ऐसा भी संभव है कि एक चैप्टर में दिए गए गुड्स अलग-अलग टैक्स रेट में आ गए हों। हमें चैप्टर के हिसाब से वस्तुओं पर नजर डालनी चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि छोटे और मझोले कारोबारियों पर बोझ ज्यादा न हो। अगर ऐसा पाया जाता है कि इन पर और आम आदमी पर टैक्स का बोझ है तो उसे कम किया जाना चाहिए। इससे जीएसटी की स्वीकार्यता बढ़ेगी। जीएसटी काउंसिल की 23वीं मीटिंग वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में 10 नवंबर को गुवाहाटी में होनी है। अधिया ने कहा कि हम जितनी जल्दी हो सके, इसे करने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि फिटमेंट कमेटी इस पर काम करने के लिए कितना समय लेती है। अधिया से जब पूछा गया कि जीएसटी को स्थिर होने में कितना समय लगेगा तो उन्होंने कहा कि इसमें एक साल लगेगा, क्योंकि यह सभी के लिए नई व्यवस्था है। जीएसटी में टैक्स सिस्टम में बड़ा बदलाव हुआ है, इसलिए एक साल की आवश्यकता है।


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