दृढ़ निश्चय ही ले जाता है सफलता की सीढि़यों तक

By: Oct 18th, 2017 12:10 am

जब आप कुछ शुरू करते हैं एकमात्र संकल्प और विकल्प के साथ कि उसे सफल बनाकर ही रहना है, तो फिर स्वतः ही सफल होने के लिए असंख्य द्वार खुल जाते हैं…

संपूर्ण जीवन विकल्प व चयन पर आधारित है। कभी न कभी आप को यह निर्धारित करना ही होगा कि आप को किस पथ पर चलना है। जब आप विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों से मिलते हैं, उनमें वे भी होते हैं जो अधिकृत विमान का उपयोग करते हैं या फिर मोटरों के काफिले में चलते हैं और वे भी जो कभी भी हवाई जहाज पर नहीं बैठे या वे भी जो बस किराए के दो रुपए चुकाने में भी समर्थ नहीं हैं। मूलतः उनमें से कुछ रात्रि को ठीक से सो नहीं पाते क्योंकि उनके पास बहुत अधिक है या फिर कुछ दूसरे भी हैं जिनके पास बहुत कम है। इससे यह समझ आता है कि शांतिपूर्ण निद्रा का उपाय सफलता पर आधारित नहीं है। आप चाहे जो भी करें यदि आप सो नहीं पा रहे तो फिर एक नींद की गोली खाकर सो जाइए और अपने स्वप्नलोक के अंतराल में आनंदित होइए!

वास्तव में ऐसा क्या है जो कुछ लोगों को बहुत ही सफल बनाता है। ईमानदारी, बिलकुल नहीं किंतु काश ऐसा होता। संभवतः भाग्य, संसाधनों तक पहुंच, सुअवसर, समर्पण, परिश्रम आदि अहम भूमिका निभा सकते हैं। किंतु पुनः यहां बहुत से मेहनती लोग हैं जिनके पास वही साधन व अवसर हैं जैसा कि अन्य व्यक्तियों के पास हैं। फिर भी उनके लिए जीवन का कोई विशेष अर्थ नहीं होता। वे केवल जीवन के दिन एक- एक कर के गुजार रहे हैं। तो वह एक गुण जो आप सभी सफल व्यक्तियों में पाते हैं, वह क्या है? अबाध रूप से हर सफल व्यक्ति में है यह गुण। यह एक ऐसा गुण है जिसे कोई भी प्राप्त कर सकता है और विकसित कर सकता है।

  हममें से कितनों में इतना साहस है कि अपने लक्ष्य के लिए सब कुछ दांव पर लगा दें। हममें से कितने हैं जो स्वेच्छा से अपने सारे द्वार बंद करने को उद्यत हैं जिससे वे एक-निष्ठ होकर विजय का पीछा कर सकें। यहां अपक्रमकता या दृढ़ता के विषय में बात नहीं हो रही। मेरी दृष्टि में एक विशेषता जो सभी सफल व्यक्तियों में होती है वह है निश्चितता। सफल व्यक्ति निर्णय लेने से भयभीत नहीं होते हैं। एक बार सोच-विचार कर मन बना लिया फिर वे ठोस कदम उठाने में नहीं हिचकते। यदि आप इस बात के लिए सजग हैं कि कुछ द्वार आप के लिये बंद हो जाएं ताकि वह द्वार खुल सकें जो आपके लिए महत्त्वपूर्ण हैं तो प्रकृति आप के लिये वह द्वार खोल देगी, केवल हार न मानें। जब तक आप उस सीमा तक जाने के इच्छुक नहीं, जहां से वापसी संभव न हो तब तक अपने प्रयास से बहुत अधिक लाभ की अपेक्षा न करें। जब आप कुछ शुरू करते हैं एकमात्र संकल्प और विकल्प के साथ कि उसे सफल बनाना है तो फिर स्वतः ही सफल होने के असंख्य द्वार खुल जाते हैं। किंतु यदि आप निरंतर यह चिंता करते हैं कि आप के पास जो है उसे भी खो देंगे तो आप जो भी प्राप्त कर सकते थे उसे प्रायः कभी प्राप्त नहीं कर पाते। किसी पराजय को टालने के प्रयास में आप स्वयं को विजयी होने की संभावना से भी वंचित रखते हैं। वैसे निश्चितता का अर्थ लापरवाही नहीं।

विचार शून्य निर्णय या बुद्धिहीन क्रिया-कलाप का अर्थ निश्चितता नहीं। निश्चितता का तात्पर्य है कि आप अपने उद्देश्य पर सावधानीपूर्वक विचार करें और अंतिम निर्णय लें। इसका अर्थ है कि आप स्वयं को जानें कि आप किस असंभव कार्य को करने का प्रयास कर रहे हैं और इसके प्रति वस्तुनिष्ठ रहें। अपनी वास्तविकता और स्वप्नों के बीच बारीक संतुलन को निश्चितता कहते हैं। इसका आरंभ स्वयं के प्रति सच्चा होने से होता है।


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