पानी का सही उपयोग बढ़ाएगा किसानों की आय

By: Oct 17th, 2017 12:05 am

पालमपुर —  किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सिंचाई हेतु जल का उपयोग अत्यंत सूझबूझ और वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से किया जाना चाहिए। ये शब्द कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने ‘सूक्ष्म सिंचाई व फर्टिगेशन तकनीकों’ पर आयोजित दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर कहे। कुलपति ने कहा कि जल का सदुपयोग योजनाबद्ध तथा प्रमाणित तकनीकों के माध्यम से ही करना चाहिए, ताकि किसानों को अधिक से अधिक उपज प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में देश की पांच प्रमुख नदियां होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में लगभग 84 प्रतिशत खेती वर्षा पर ही निर्भर है, जबकि पंजाब में 98 प्रतिशत तथा हरियाणा में 84 प्रतिशत से अधिक जमीन में सिंचाई की सुविधा होने से इन राज्यों में अत्यधिक खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे भी प्रदेश के किसानों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए अपने ज्ञान व समृद्ध तकनीकों का इस्तेमाल करें और किसानों को भी प्रशिक्षित करे। कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने हैरानी प्रकट की कि अनेक विषयबद्ध संस्थान स्थापित किए गए हैं, जबकि किसान फसल उत्पादन हेतु समन्वित कृषि तकनीकों का ही इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई मॉडल तैयार किए हैं और अब यह वैज्ञानिकों की जिम्मेदारी है कि वे इनके अंतर्गत सुझाई गई तकनीकों के बारे किसानों को प्रशिक्षित करे। शोध निदेशक डा. राजिंद्र सिंह, कृषि महाविद्यालय के डीन डा. पीके मेहता, प्रसार शिक्षा निदेशक डा. अतुल, मृदा विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एसपी दीक्षित, पाठ्यक्रम निदेशक डा. संजीव तथा पाठयक्रम समन्वयक डा. नरिंद्र ने फसल उत्पादकता बढ़ाने हेतु पाठ्यक्रम के महत्त्व पर प्रकाश डाला।


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