फीकी पड़ी धनतेरस की चमक

By: Oct 18th, 2017 12:06 am

बाजार में नकदी की कमी से मंदी का माहौल, पिछले साल के मुकाबले कारोबार आधा

नई दिल्ली— बाजार में नकदी की तंगी के कारण दिवाली महोत्सव शुरू होने के बावजूद मंगलवार को धनतेरस पर खुदरा बाज़ारों में मंदी का माहौल बना रहा। दिवाली महोत्सव के पहले दिन धनतेरस को बेहद शुभ दिन माना जाता है और इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, रसोई के सामान आदि की खरीदारी जमकर होती है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने मंगलवार को बताया कि बाजारों में सुस्ती का माहौल है और उपभोक्ताओं का बाजारों की और रुख बेहद कम रहा। व्यापारियों के लिए यह दिवाली गत दस वर्षों में अब तक की सबसे मंदी वाली  दिवाली साबित हो रही है। बाजार के जानकारों का  कहना है कि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले दिवाली व्यापार में गिरावट 50 प्रतिशत तक पहुंचने की आशंका है। व्यापारियों ने सरकार से बाजार में नकदी बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने और कम ब्याज दर पर आसान ऋण उपलब्ध कराने का आग्रह कियो है। आम तौर पर धनतेरस पर सोने और चांदी के भावों में तेजी होती है, लेकिन इस बार पिछले कई दिनों से इनमें कोई ़खास परिवर्तन नहीं आया है। सर्राफा बाजारों में सोने का भाव 30 ,500 रुपए प्रति दस ग्राम रहा, जबकि चांदी का भाव रुपए 40,500 प्रति किलोग्राम दर्ज किया। एक अनुमान के मुताबिक पिछले वर्ष के मुकाबले सोने चांदी के व्यापार में लगभग 30 से 35 प्रतिशत की कमी आई है। कारोबारियों के अनुसार बाजारों में नकदी की तरलता में बेहद कमी के कारण व्यापार में गिरावट है। पहले नोटबंदी  के कारण बाजार सुस्त था और बैंकों द्वारा शुल्क लगाने के कारण लेन देन तेजी से नहीं हुआ। दूसरी ओर कृषि उत्पादों के दामों में कमी के कारण किसानों को हानि हुई तथा व्यापारियों और लघु उद्योग की कारोबारी पूंजी का निवेश बढ़ गया। व्यापारी परिसंघ का कहना है कि ई- कॉमर्स ने भी खुदरा बाजारों को नुकसान पहुंचाया है। कार्ड से ऑनलाइन खरीद पर कैशबैक देना, अनेक उत्पादों का केवल ई-कामर्स पोर्टल पर ही बिकना, उपभोक्ता बाजारों की बजाय ई-कामर्स पोर्टल पर खरीददारी करने को तरजीह दे रहे हैं।


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