मंडी सदर में 55 साल से सुखराम परिवार की ही जय-जयकार

By: Oct 28th, 2017 12:40 am

मंडी— मंडी सदर में पिछले 55 वर्षों से कांग्रेस पार्टी या यूं कहें कि पंडित सुखराम परिवार का एक तरफा झंडा बुलंद होता आया है तो गलत नहीं होगा। मंडी सदर में पंडित सुखराम और उनका परिवार ही पिछले 55 वर्षों में से 47 स जनता की पंसद रहा है। सदर में कई बार प्रत्याशियों ने पार्टियां बदलीं तो कई बार नई पार्टियां भी बनीं, लेकिन जनता उस तरफ चली, जिस तरफ पंडित सुखराम खडे़ थे। सदर विस क्षेत्र  में पंडित सुखराम का परिवार दस बार चुनाव जीत चुका है। वर्ष 1962 में पहली बार पंडित सुखराम आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्होंने उस समय कांग्रेस प्रत्याशी को हरा कर जीत का आगाज किया था, जिसके बाद यह सिलसिला लगातार जारी है। मंडी से भाजपा ने एक ही बार 1990 में जीत का स्वाद चखा है, जहां कन्हैया लाल ने कांग्रेस प्रत्याशी डीडी ठाकुर को हराया था, लेकिन अढ़ाई साल ही सरकार चल सकी और उसके बाद अब पंडित सुखराम और अनिल शर्मा ही मंडी सदर का प्रतिनिधित्व करते आए हैं। कांग्रेस से अलग होकर हिविकां के असित्व में आने के बाद भी पंडित सुखराम ही मंडी के सबसे बडे़ नेता के रूप में उभर कर सामने आए थे। पंडित सुखराम ने यह चुनाव सबसे बडे़ मार्जन से जीता था। उन्होंने 1998 में 18 हजार से अधिक मतों से भाजपा प्रत्याशी को हराया था। इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो अपना दूसरा चुनाव 1967 में कांग्रेस पार्टी से जीत कर विधानसभा में सुखराम पहुंचे थे। इसके बाद 1982 तक सुखराम लगातार जीतते रहे। वर्ष 1985 में सदर से कांग्रेस प्रत्याशी डीडी ठाकुर विधायक बने थे, जबकि 1990 में भाजपा को पहली बार यहां खाता खोलने का मौका मिला और कन्हैया लाल ने भाजपा के डीडी ठाकुर को हरा कर जीत दर्ज की, जबकि 1993 में भाजपा सरकार के बर्खास्त होने के बाद अनिल शर्मा ने पहली बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीता था।

कब, कौन बना महारथी

वर्ष        जीते       पराजित    अंतर

1967      सुखराम   टी सिंह    5601

1972      सुखराम   भगत राम  3050

1977      सुखराम   लीला देवी 5233

1982      सुखराम   कन्हैया    2672

1985      दुर्गा दत्त   कन्हैया    1282

1990     कन्हैया    दुर्गा दत्त   8890

1993      अनिल     कन्हैया    12422

1998      सुखराम   कन्हैया    18989

2003      सुखराम   दुर्गादत्त    12390

2007      अनिल     दुर्गादत्त    2744

2012      अनिल     दुर्गा दत्त   3930

जनता भी अनिल शर्मा के साथ ही जुटी रही

वर्ष 1998 में हिविकां के गठन के बाद 2003 में भी पंडित सुखराम ही सदर से विधायक बने। इसके बाद 2007 व 2012 में पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा ने ही कांग्रेस टिकट से चुनाव जीता। उन्होंने इन दोनों चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डीडी ठाकुर को चुनाव हराया है। यानी कि जनता ने सुखराम परिवार का ही साथ दिया।


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