वोट तो बना, पर डालें कब

By: Oct 23rd, 2017 12:15 am

एचआरटीसी के 70 फीसदी कर्मचारियों के मतदान का रास्ता अभी भी साफ नहीं

शिमला  – एचआरटीसी के 70 फीसदी कर्मचारियों के मतदान करने का रास्ता कभी भी साफ नहीं हो पाया है। हालांकि इन कर्मचारियों का वोट तो बना है, मगर वोट डालने के लिए व्यवस्था के आभाव के चलते ये पिछले कई दशकों से अपने मत का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। एचआरटीसी बसों के संचालन में कर्मचारियों की हर समय ड्यूटी रहती है और ऐसे में उन्हें अपना वोट डालने के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। पथ परिवहन निगम में करीब 30 प्रतिशत कर्मचारी, जो कि निगम के कार्यालयों में कार्य करते हैं, केवल वही अपने मत का प्रयोग कर पाते हैं। निगम में 70 प्रतिशत चालक यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने में सेवारत रहते हैं, ऐसे में वे अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाते हैं। पांच दशकों के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को मत का प्रयोग करने का प्रबंध नहीं होना लोकतंत्र के लिए भी भयावह स्थिति पैदा करता है। कर्मचारियों का कहना है कि एक ओर चुनाव आयोग की ओर से मतदान प्रतिशतता को बढ़ाने के लिए दिन-रात ब्लू कैंपेन चलाई जा रही है और दूसरी ओर यहां पर एचआरटीसी के कर्मचारी गत कई दिनों से चुनाव आयोग से अपना मत का प्रयोग सुनिश्चित करवाने के लिए निवेदन कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें आयोग की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है। हिमाचल पथ परिवहन निगम ड्राइवर यूनियन के प्रांतीय प्रधान सत्यप्रकाश शर्मा का कहना है कि निगम प्रबंधन सहित चुनाव आयोग से भी उन्होंने कर्मचारियों के मताधिकार को सुनिश्चित करवाने को लेकर कई बार आग्रह किया है, लेकिन अभी तक इस संबंध में परिणाम शून्य ही रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को वह मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर अपने मतों का अधिकार सुनिश्चित करवाने को लेकर ज्ञापन सौंपेगे। उन्होंने कहा कि वोट बने होने के बावजूद एचआरटीसी कर्मचारी अपना मत का प्रयोग नहीं कर पाते हैं।


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