शांता कुमार ने बदल दिया था पालमपुर का सियासी इतिहास
पालमपुर – चाय नगरी पालमपुर का राजनीतिक इतिहास बेहद रोचक रहा है। देश की आजादी के उपरांत शुरुआती वर्षों में जहां कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टी के बीच कड़े मुकाबले के बाद हार-जीत सुनिश्चित हुई, वहीं 1977 के बाद भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी की। भाजपा के दिग्गज नेता शांता कुमार ने 1967 में पहली बार पालमपुर से जनसंघ पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी कुंज बिहारी लाल बुटेल से मात्र 919 वोटों से हार गए। आजादी के दस वर्ष बाद तक कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टी का इस इलाके में दबदबा रहा। वर्ष 1951 के पहले विधानसभा चुनाव में कन्हैया लाल बुटेल को 12773 वोट प्राप्त हुए थे, जबकि आजाद प्रत्याशी सरवण कुमार 7847 वोट हासिल कर पाए। इस विधानसभा क्षेत्र का यह भी इतिहास रहा है कि जनता ने आजाद उम्मीदवारों को तरजीह नहीं दी है। वर्ष 1957 में स्वतंत्रता सेनानी बख्शी प्रताप सिंह को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया और सीपीआई के बंसी लाल को उन्होंने 2173 मतों से पटकनी दी, जबकि 1962 में फिर से सीपीआई के उम्मीदवार से हुए कड़े मुकाबले में 1170 वोटों से बख्शी प्रताप सिंह ने विजय हासिल की। इसके बाद 1967 में बख्शी प्रताप सिंह को टिकट कटने के बाद कांग्रेस ने कुंज बिहारी लाल बुटेल को प्रत्याशी बनाया, उस समय उनका सीधा मुकाबला जनसंघ के प्रत्याशी शांता कुमार से था। इसके बाद 1972 में कुंज बिहारी लाल बुटेल ने बाल सिंह गुलेरिया को 5116 मतों के भारी अंतर से हराकर इतिहास रचा। एमर्जेंसी के बाद वर्ष 1977 में जनता पार्टी के प्रत्याशी चौधरी सरवण कुमार ने कांग्रेस के विधि चंद को पटकनी दी। वर्ष 1982 में भाजपा प्रत्याशी चौधरी सरवण कुमार व कांग्रेस के कुंज बिहारी लाल बुटेल के बीच कड़ा मुकाबला हुआ, जिसमें चौधरी सरवण कुमार विजयी हुए। वर्ष 1985 में कांग्रेस ने टिकट बदल कर कुंज बिहारी लाल बुटेल के छोटे भाई बृज बिहारी लाल बुटेल को थमा दी और उन्होंने चौधरी सरवण कुमार को मात दे दी। वर्ष 1990 में भाजपा नेता शांता कुमार ने कांग्रेस के विपक्षी प्रत्याशी बीबीएल बुटेल को छह हजार मतों से हराया। शांता ने 1990 में सुलाह व पालमपुर दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था तथा दोनों जगह से विजय हासिल की थी। पालमपुर सीट छोड़ने के बाद 1990 में ही हुए उपचुनाव में भाजपा के डा. शिव कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी हरनेक सिंह को हराया, लेकिन 1993 में हुए चुनाव में बीबीएल बुटेल विजयी रहे। इसके बाद 1998 में भी कांग्रेस प्रत्याशी बीबीएल बुटेल ने विजय परचम लहराया। वर्ष 2003 में भाजपा ने प्रवीण शर्मा को चुनावी दंगल में उतारा, लेकिन बीबीएल बुटेल ने उन्हें 7347 वोटों के अंतर से हरा दिया, लेकिन 2007 में प्रवीण शर्मान ने बीबीएल बुटेल को पराजित कर दिया। लिहाजा 2012 में बीबीएल बुटेल ने इस हार का बदला लेते हुए प्रत्याशी प्रवीण शर्मा को 9029 मतों से मात दी। अब 2017 का चुनाव फिर से रोचक होगा? ऐसे कयास पालमपुर के लोगों द्वारा लगाए जा रहे हैं।
वर्ष प्रत्याशी पार्टी वोट
1951 केएल बुटेल कांग्रेस 12773
सरवण कुमार आजाद 7847
1957 प्रताप सिंह बख्शी कांग्रेस 11449
बंशी लाल सीपीआई 9276
1962 प्रताप सिंह बख्शी कांग्रेस 11752
बंशी लाल सीपीआई 10572
1967 केबीएल बुटेल कांग्रेस 5644
शांता कुमार जनसंघ 4725
1972 केबीएल बुटेल कांग्रेस 5996
बाल सिंह गुलेरिया आजाद 880
1977 चौ. सरवण कुमार जनता पार्टी9930
विधि चंद कांग्रेस 7633
1982 चौ. सरवण कुमार भाजपा 10508
केबीएल बुटेल कांग्रेस 8762
वर्ष प्रत्याशी पार्टी वोट
1985 बीबीएल बुटेल कांग्रेस 11722
चौ. सरवण कुमार भाजपा 9137
1990 शांता कुमार भाजपा 18012
बीबीएल बुटेल कांग्रेस 12050
1993 बीबीएल बुटेल कांग्रेस 21212
डा. शिव कुमार भाजपा 14702
1998 बीबीएल बुटेल कांग्रेस 18450
डा. शिव कुमार भाजपा 17658
2003 बीबीएल बुटेल कांग्रेस 24333
प्रवीण कुमार भाजपा 17090
2007 प्रवीण कुमार भाजपा 25121
बीबीएल बुटेल कांग्रेस 22533
2012 बीबीएल बुटेल कांग्रेस 23341
प्रवीण कुमार भाजपा 14312
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