सिर्फ 15 महीनों में 500 करोड़ की यूनिट तैयार
नई दिल्ली — डेनामार्क की विंड टर्बाइन कंपनी वेस्टास के चेयरमैन बर्ट नॉर्डबर्ग ने 10 नवंबर, 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। नॉर्डबर्ग ने पीएम मोदी से वादा किया था कि उनकी कंपनी भारत में मजबूत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करेगी। उन्होंने भारत में विंड टरबाइन ब्लेड मेन्युफैक्चरिंग की यूनिट स्थापित करने की बात कही थी, लेकिन, यह काम वह इतनी तेजी से अंजाम देंगे, इस बात का शायद सरकार को भी यकीन नहीं होगा। नॉर्डबर्ग और पीएम मोदी की मुलाकात के 10 दिनों के भीतर ही वेस्टास के बोर्ड ने भारत में कंपनी के प्लान को मंजूरी दे दी थी। बोर्ड ने अहमदाबाद से 30 किलोमीटर पश्चिम में कंपनी स्थापित करने का फैसला लिया और इस काम को तेजी से अंजाम देने के लिए भारतीय मूल के अपने सीनियर एग्जिक्युटिव माधव कृष्ण पोकाला को भेजा। इससे पहले माधव कृष्ण पोकाला डेनमार्क के रिंगकॉबिंग में काम कर रहे थे। इसके बाद कंपनी ने भारत सरकार के साथ एमओयू किया और 500 करोड़ रुपए के निवेश से अहमदाबाद-राजकोट हाइवे पर 36 एकड़ के प्लॉट को खरीदकर ग्रीनफील्ड मेन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की। 10 नवंबर, 2015 से अब तक सिर्फ 15 महीने ही हुए हैं, लेकिन कंपनी में प्रोडक्शन चालू हो चुका है। भारत में तेजी से एफडीआई के पटरी पर आने का यह दुर्लभ उदाहरण है। वेस्टास के एशिया पैसिफिक के प्रेजिडेंट क्लाइव टर्टन ने कहा कि कंपनी स्थापित करने को जरूरी मंजूरी की प्रक्रिया जटिल होती है। आमतौर पर इसमें 60 दिन लगते हैं, लेकिन सिर्फ 22 दिन में ही यह मंजूरी मिली।
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