अध्यक्ष बनाने पर जोरदार हंगामा

By: Nov 22nd, 2017 12:05 am

रामपुर बुशहर — पांचवीं बार फिर से राजेश गुप्ता को रामपुर कालेज के पीटीए अध्यक्ष बनाने पर जोरदार हंगामा हुआ। 4800 छात्रों की संख्या वाले इस कालेज में महज 80 अभिभावकों की मौजूदगी में हुए इस फैसले को शिक्षकों ने मानने से इंकार कर दिया और बीच बैठक से वाकआट कर दिया। वहीं बैठक में मौजूद कुछ अभिभावकों ने भी इस फैसले का विरोध किया। पीटीए कार्यकारिणी में मौजूद तीन शिक्षकों जीवन मसोई, योजना ठाकुर, राजन नेगी ने बैठक के बीच ही अपना सदस्यता रद्द करने की बात कही। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिस तरह से पिछले चार वर्षों में पीटीए अध्यक्ष की कुर्सी पर एक ही व्यक्ति को चुना जा रहा है वह सवैंधानिक तौर पर उचित नहीं है। अभिभावक इस फैसले का भले ही खुलकर विरोध न करें लेकिन कालेज के तमाम शिक्षक इस फैसले के विरोध में खड़े हैं। शिक्षकों ने इतना तक कहा कि वह भविष्य में जब भी पीटीए की बैठक होगी उसमें भाग नहीं लेगें। बैठक के बीच ही शिक्षकों ने गत वर्ष पीटीए द्वारा लिए गए फैसलों का विरोध किया और कहा कि अब पीटीए कई मनमाने फैसले ले रही है जो मान्य नहीं होने चाहिए। इतना ही नहीं गत वर्ष पीटीए ने अभिभावकों पर सीधे तौर से 400 रुपए पीटीए फंड थोपने का आरोप जड़ा, जो तर्कसंगत नहीं था। शिक्षकों ने कहा कि ये काफी हैरानी की बात है कि 4800 छात्रों वाले कालेज में पीटीए बैठक में मात्र 80 अभिभावक ही हाजरी भर रहे हैं। वहीं बैठक के बीच कालेज में पढ़ रहे छात्रों ने ही आवाज बुलंद कर दी। छात्रों ने कहा कि जब उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि आज पीटीए की कार्यकारिणी का गठन किया जाना है तो उनके अभिभावकों तक ये जानकारी कैसे पहुंचेगी। छात्रों ने कालेज प्रबंधन पर आरोप जड़ा कि अभिभावकों तक पीटीए गठन की सूचना पहुंचाने में वह पूरी तरह विफल रहे है। ऐसे में साफ है कि कालेज प्रबंधन व्यक्ति विशेष को फायदा देने के लिए ऐसा कर रहा है।

आखिर कहां खर्च हुआ पीटीए फंड

बैठक के बीच ही छात्रों ने पीटीए फंड का हिसाब मांगना शुरू कर दिया। छात्रों ने कहा कि गत वर्ष हर छात्र से 400 रुपए पीटीए फंड लिया गया। ऐसे में मात्र पीटीए फंड से कालेज प्रबंधन ने दो करोड़ के करीब पीटीए फंड जुटा दिया। इतनी बड़ी रकम आखिर कहां खर्च हुई। कालेज प्रबंधन व पीटीए इसका जवाब दें। वहीं छात्रों ने ये भी कहा कि जब कालेज प्रबंधन हर अभिभावक तक पीटीए बैठक की सूचना पहुंचाने में नाकामायाब रहा है तो वह किस आधार पर बैठक में अनुपस्थित अभिभावकों के बच्चों ने 200 रुपए जुर्माना वसूलेगा।


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