गर्भ में लिंग की जांच कानूनन अपराध

By: Nov 22nd, 2017 12:04 am

मंडी— क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में मंगलवार को गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम-1994  के तहत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता समिति के सदस्य एवं जिला लोक संपर्क अधिकारी हेमंत कुमार ने की। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व किसी भी प्रकार की लिंग जांच के खतरों के प्रति समाज को सचेत व जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि इस अधिनियम को सही ढंग से कार्यान्वित किया जा सके। इसके लिए सूचना, शिक्षा एवं संचार अभियान के तहत पंचायती राज संस्थाओं, महिला मंडलों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय बोलियों में गीत-संगीत व नुक्कड़-नाटक प्रस्तुत कर, स्थानीय न्यूज चैनलों में संदेश जारी कर तथा सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग्ज इत्यादि लगाकर भी अधिनियम के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सकता है। बैठक में समस्त खंड चिकित्सा अधिकारियों को खंड स्तर पर पंचायती राज संस्थाआें के प्रतिनिधियों के साथ गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक अधिनियम को सख्ती से लागू करने के लिए नियमित अंतराल पर बैठक करने को कहा गया, ताकि किसी भी प्रकार की गैर कानूनी गतिविधि पर रोक लगाने के साथ ही लिंग अनुपात में बढ़ोतरी की जा सके। बैठक में जिला में कार्यरत सभी अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों को अधिनियम की जानकारी के बारे में एडवाइजरी जारी करने, सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों द्वारा समय-समय पर  अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों का निरीक्षण करते रहने को कहा गया। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर भी अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों में लिंग जांच तथा गर्भपात से संबंधित दवा बेचने वाले दुकानदारों पर अंकुश लगाने के लिए जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल को समय-समय पर इनकी जांच करने का परामर्श दिया गया ।  बैठक में समिति के सदस्यों में स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सुश्रिती कौशल, बाल रोग विशेषज्ञ डा. एनआर पवार, रेडियोलॉजिस्ट डा. राकेश शर्मा तथा  जिला उपन्यायवादी भीष्म चंद ने भी भाग लिया।


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