चरान खड्ड को ‘पिला’ दी धर्मशाला की गंदगी

By: Nov 30th, 2017 12:15 am

धर्मशाला – स्मार्ट सिटी धर्मशाला में आईपीएच विभाग द्वारा  सीवरेज प्लांट के साथ बहती चरान खड्ड में शहर भर की गंदगी गिराने की घिनौनी हरकत का खुलासा हुआ है। विभाग द्वारा नगर निगम धर्मशाला के वार्ड नंबर आठ खेल परिसर में बने सीवरेज टीट्रमेंट प्लांट की गंदगी को बिना ट्रीट किए ही अवैध तरीके से साथ लगते छोटे नाले के माध्यम से खड्ड में पहुंचाया जा रहा है। इससे खड्ड व साथ लगते निचले क्षेत्रों में गंभीर बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। सीवरेज प्लांट के साथ बहते नाले में दोनों तरफ से झाडि़यां हैं। झाडि़यों के बीचोंबीच से ही अवैध पाइपों में गंदगी को सीधे नाले के पानी में डाल दिया गया है। सीवरेज प्लांट का अंतिम छोर चरान खड्ड के साथ लगता है, जिस स्थान पर यह नाला चरान खड्ड के साथ मिल रहा है,उस स्थान पर करीब पचास मीटर के दायरे में स्लज ही स्लज जमा हुआ है।  विभाग की इस चालाकी का खुलासा कई दिनों तक बारिश न होने के कारण हुआ है। धर्मशाला में अधिक वर्षा होने व खड्ड में पानी अधिक आने के कारण विभाग की इस चालाकी का पता नहीं लगता था, लेकिन अब विभाग इस मामले में पूरी तरह उलझ चुका है।   विभाग की लापरवाही का यह प्रदेश में पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश की राजधानी शिमला में आईपीएच विभाग द्वारा कोताही बरतने के कारण भारी संक्रमण फैला था। अब धर्मशाला में यह दूसरा मामला उजागर हो गया है।  विभाग ने शहर की गंदगी सीवरेज प्लांट के पहले चरण में इनलेट एरिया से ही सीधी पाइप डालकर साथ बहते नाले में फेंक दी थी। 100 मीटर की दूरी के बाद ही यह नाला चरान खड्ड् से मिलता है। चरान खड्ड कुछेक दूरी पर जाकर जिला कांगड़ा  की बड़ी खड्ड मांझी में मिलती है। इन दोनों खड्डों पर विभाग की कई पेयजल परियोजनाएं चल रही हैं। साथ ही गगल व साथ लगते क्षेत्रों में जमीनों सहित अन्य कार्यों के लिए इन खड्डों के पानी का प्रयोग किया जा रहा है।

विभाग लगा रहा स्थानीय लोगों पर आरोप

आईपीएच विभाग  के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा  नाले में पाए जाने वाले स्लज को स्थानीय निवासियों द्वारा बहाने की बात कही जा रही है। साथ ही नगर निगम के नाले में गंदगी बहने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार लोग अधिक बारिश में अपने घरों के सीवरेज टैंकों की गंदगी नालों में बहा देते हैं, जिससे यह स्लज जमा हुई है। लेकिन  हैरत में डालने वाली बात यह है कि पिछले कई दिनों से बारिश नहीं हुई है, और विभाग की पाइप डालने के स्थान के आगे बहते नाले में ही स्लज है। पाइप के पीछे किसी भी स्थान पर स्लज नहीं है, तो ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली पर पूरी तरह से सवाल उठने शुरू हो गए हैं।


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