जहरीले स्मॉग से बचने के उपाय

By: Nov 18th, 2017 12:05 am

स्मॉग की वजह से सांस लेने में तकलीफ  तो होती ही है, साथ ही साथ इसकी वजह से अस्थमा, एम्फीसिमा, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वास संबंधी समस्याएं अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं…

आज देश की राजधानी दिल्ली स्मॉग के कहर से जूझ रही है। भयंकर धुंध की वजह से सांस लेने में तकलीफ और सड़कों पर कम होती दृश्यता लोगों की परेशानी का सबब बनी हुई है। लोगों का घर से निकलना मुहाल हो गया है। हवा में घुला यह जहरीला धुआं हमारी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली की वर्तमान हालत को पब्लिक हैल्थ आपातकाल घोषित कर दिया है। उसने सरकार को एक पत्र लिखकर सभी तरह के आउटडोर एक्टिविटीज तथा स्कूलों में स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को तत्काल रोकने का सुझाव दिया है। साथ ही साथ सभी को घर से बाहर न निकलने की सलाह भी दी है। ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि यह स्मॉग क्या है और इसके कारण और दुष्प्रभाव क्या हैं। आखिर यह किस तरह से लोगों को बीमार बना सकता है। तो आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब। क्या है स्मॉग-स्मॉग एक तरह का वायु प्रदूषण ही है। यह स्मोक और फॉग से मिलकर बना है, जिसका मतलब है स्मोकी फॉग यानी कि धुआं युक्त कोहरा। इस तरह के वायु प्रदूषण में हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड्स,  सल्फर ऑक्साइड्स, ओजोन, स्मोक  घुला होता है, जो हमारी सेहत के लिए बेहद ही हानिकारक है। क्या है स्मॉग का कारण- सर्दी के मौसम में हवाएं थोड़ी सुस्त होती हैं। ऐसे में मिट्टी के कण और प्रदूषण वातावरण में स्थिर हो जाते हैं, जिससे स्मॉग जैसी समस्याएं सामने आती हैं। हमारे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों से निकलने वाला धुआं, फैक्टरियों और कोयले, पराली आदि के जलने से निकलने वाला धुआं इस तरह के वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण होता है। इस बार सुप्रीम कोर्ट से बैन होने के बाद भी लोगों ने भारी मात्रा में पटाखे आदि फोड़े। जिससे धीरे- धीरे प्रदूषण की समस्या गहराती गई और आज दिल्ली जिस स्मॉग के बनने की समस्या से जूझ रही है, उसमें इनका भी भारी मात्रा में योगदान रहा है। स्मॉग के दुष्प्रभाव- स्मॉग की वजह से सांस लेने में तकलीफ  तो होती ही है साथ ही साथ इसकी वजह से अस्थमा, एम्फीसिमा, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वास संबंधी समस्याएं अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं। आइए जानें कि इसका हमारे सेहत पर किस हद तक बुरा असर पड़ रहा है। खांसी और गले तथा सीने में जलन- जब आप हवा में घुले जहर यानी कि स्मॉग के संपर्क में आते हैं, तो हवाओं में भारी मात्रा में नाइट्रोजन ऑक्साइड्स, सल्फर ऑक्साइड्स, ओजोन और स्मोक मौजूद होने की वजह से आपके श्वसन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इससे सीने में जलन होती है और खांसी की भी समस्या पैदा होने लगती है। इसकी वजह से फेफड़ों में संक्रमण भी हो सकता है। अस्थमा में हानिकारक- अगर आप अस्थमा की मरीज हैं, तो आपको स्मॉग से बचकर रहने की आवश्यकता है क्योंकि स्मॉग में मौजूद ओजोन आपके लिए ज्यादा घातक साबित हो सकता है। इसके कारण आपको सांस लेने मे तकलीफ  होने के साथ ही अस्थमा का अटैक आ सकता है। स्मॉग के दुष्प्रभाव से बचने के लिए घर से ज्यादा देर के लिए बाहर रहने से बचें। बाहर जाने से पहले अपने फेस को पूरी तरह से कवर कर लें या फिर मास्क का इस्तेमाल करें।


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