टेंशन… 1100 की बोरी 500 में

By: Nov 12th, 2017 12:05 am

ऊना — ऊना जिला में बंपर आलू की फसल का बाजार में सही दाम नहीं मिल पा रहा है। जिससे उत्पादकों के चेहरे लटक गए हैं। आलू के दाम केवल मात्र 11 दिनों में ही औंधे मुंह गिर गए हैं। ऐसे हालात में अधिकतर उत्पादकों ने खेतों में आलू की पटाई का कार्य भी रोक दिया है। आलू की कीमत 1100 रुपए प्रति 50 किलोग्राम बोरी से गिरकर 500 रुपए प्रति बोरी पहुंच गई है, जिससे किसानों को मेहनत का फल भी नहीं मिल पा रहा है। जिला ऊना में हजारों कनाल भूमि पर आलू की पैदावार की जा रही है। किसानों ने पहली नवंबर से आलू को उखाड़ना शुरू कर दिया था। तत्कालीन समय में मार्केट में 1100 रुपए प्रति बोरी मिल रही थी, लेकिन अब अचानक ही बोरी को रेट कम होकर 500 रुपए आ पहुंचा है। इससे किसानों को खेती पर किया गया खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है। किसान आलू की पैदावार को मार्केट में बेचने के लिए दिल्ली, यूपी, हरियाणा को रुख कर रहे हैं। बाजार में सही दाम न मिलने पर अब आलू उत्पादकों को वाहनों का किराया देना भी मुश्किल हो गया है। पीडि़त किसानों रामलोक, सीताराम, गणेशदत्त, जगदीश चंद आदि ने कहा कि सरकार ने किसानों को ऐसी हानि से रोकने के लिए कोई नीति नहीं बनाई है। उन्होंने कहा किसान खून-पसीने की कमाई से प्रदेश में सबसे अधिक आलू का उत्पादन करते हैं, लेकिन मार्केट में निर्धारित रेट न होने कारण किसानों को हर बार लाखों का चूना लग जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार जिला के किसानों को आलू उत्पादन में बढ़ावा देने के लिए विशेष नीति तैयार करे। वहीं तैयार आलू की मार्केट के लिए निर्धारित रेट तय किए जाएं, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का फल मिल सके। ऊना सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अमृत लाल भारद्वाज ने कहा कि सरकार को आलू उत्पादकों को नुक्सान से बचाने के लिए विशेष तौर से पॉलिसी तैयार करनी चाहिए और मार्केट में आलू के रेट तय

करने चाहिए।


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