ट्रैंक्विलाइजर गन के बिना वनकर्मी बेबस

By: Nov 22nd, 2017 12:20 am

जिला स्तर पर नहीं मिली बंदूकें, सर्किल से आते-आते हो जाती है बहुत देर

ऊना— प्रदेश में खूंखार जंगली जानवरों को काबू करने के लिए प्रयोग की जाने वाली ट्रैंक्विलाइजर गन को वन विभाग, वन मंडल स्तर मुहैया नहीं करवा पाया है। इसके चलते कई बार खूंखार जानवरों का सामना करने वाले निहत्थे वन कर्मियों को भी  जानवरों के हमले का शिकार होना पड़ता है। हालांकि वन विभाग  द्वारा सर्किल स्तर पर ट्रैंक्विलाइजर गन मुहैया करवाई गई है।  प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को मद्देनजर रखते हुए जिला स्तर पर ट्रैंक्विलाइजर गन मुहैया करवाने की आवश्यकता है। प्रदेश में भी में वन विभाग के दस सर्किल हैं, लेकिन अभी तक वन विभाग की ओर से सर्किल स्तर पर ही ट्रैंक्विलाइजर गन मुहैया करवाई गई है। प्रदेश में जंगली जानवरों खासकर तेंदुए के हमले आए दिन होते रहते हैं।  अभी हाल ही में ऊना के धुंधला में तेंदुए ने पांच लोगों को घायल किया। इससे पहले  डठवाड़ा में तेंदुआ हमला कर कई लोगों को घायल कर चुका है। वहीं, आए दिन अन्य जिलों में भी जंगली जानवर हमले करते रहते हैं, लेकिन इस तरह की घटना होने पर वन विभाग के अधिकारियों को अपने सर्किल से ही ट्रैंक्विलाइजर गन मंगवानी पड़ती है। इस तरह की कथित कोताही कई बार सामने आ चुकी है, लेकिन उसके बावजूद वन विभाग ने कोई सबक नहीं लिया है। बताया जा रहा है कि ट्रैंक्विलाइजर गन की कीमत ज्यादा है। शायद महंगी कीमत होने के चलते जिला स्तर पर वन विभाग ट्रैंक्विलाइजर गन मुहैया नहीं करवा पा रहा है।  कोई भी घटना होने पर  कर्मियों को ट्रैंक्विलाइजर गन का इंतजार करना पड़ता है। सर्किल स्तर से जिला के घटनास्थल पर गन पहुंचने में लंबा समय लग जाता है,जिसका खामियाजा वन विभाग के साथ ही अन्य लोगों को भी भुगतना पड़ता है।


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