दो साल से जमीन नहीं ढूंढ पाई पंचायत

By: Nov 22nd, 2017 12:05 am

 बैजनाथ — बैजनाथ पपरोला नगर पंचायत को बने दो साल होने को आ गए, मगर न तो बैजनाथ, न ही पपरोला में कूड़ा कर्कट संयंत्र केंद्र के लिए जमीन सिलेक्ट हो पाई है। साथ ही डंपिंग साइट का प्रबंध भी नहीं हो सका। जहां-जहां भी डंपिंग साइट के लिए सरकार या शामलात भूमि का चयन किया गया वहां पंचायतों के प्रतिनिधि अड़ंगा अड़ाने में पीछे नहीं हटे। पंचायतों से एनओसी तक नहीं मिल पाई और प्रशासन पंगु बन बैठा रहा। यहां तक कि जनता के चुने प्रतिनिधि भी कुछ नहीं कर सके। हालात ये हैं कि सुबह चार बजे सफाई कर्मचारी बाजारों में कूड़ा कचरा इकट्ठा कर जगह-जगह जलाने पर मजबूर है। भले ही ज्यादा कूड़ा-कचरा होने पर ट्रैक्टरों के माध्यम से उठाया जा रहा है। मगर वह भी बिनवा किनारे फेंक कर जलाया जा रहा है। इससे बिनवा का पानी प्रदूषित हो रहा है। वहीं दुर्गंध के चलते शिव मंदिर आने वाले भक्तों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले पंडोल रोड पर बग्गीधार में भी डंपिंग साइट बनाने की बात चली, मगर साथ लगती पंचायत सूनपुर के पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने प्रशासन को धमकी दे डाली। ऐसा ही पपरोला के वुहली कोठी में भी हुआ। यही नहीं बैजनाथ की गत्ता फैक्टरी के पास संसाली भटवाली खड्डों के बीच भी डंपिंग साइट बनाने की बात चली, मगर वह भी सिरे नहीं चढ़ी। ऐसे में लगता है कि शायद ही बैजनाथ-पपरोला में कहीं भी डंपिंग साइट का प्रबंध हो सके नामुमकिन सा लगता है। पपरोला पंचायत के पूर्व प्रधान रहे एवं पार्षद मुकेश शर्मा ने कहा कि पपरोला में कूड़ा-कचरा संयंत्र केंद्र बनाने हेतु जगह का चयन किया है। जमीन का तबादला करवाने की प्रक्रिया चल रही है। उसके बाद यहां कूड़ा-कचरा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। उधर, नगर पंचायत के उपाध्यक्ष छवि शर्मा ने कहा कि नगर पंचायत डंपिंग साइट की तलाश में जुटी है, लेकिन पंचायतों द्वारा एनओसी न मिलने के कारण व लोगों के विरोध के चलते इस समस्या का हल नहीं हो पाया है।


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