नाचन में दिले राम-टेक चंद डोगरा ने खूब नचाए विरोधी
सुंदरनगर— मंडी जिला के आरक्षित विधानसभा क्षेत्र नाचन में भले ही खाता आज से 35 साल पहले दिले राम ने जेएनपी पार्टी से खोला, लेकिन कांग्रेस के टेक चंद डोगरा के नाम यहां हैट्रिक लगाने का रिकार्ड है। इस रिकार्ड को आज तक कोई भी नहीं तोड़ पाया है। वर्ष 1982 में भाजपा का खाता भी दिले राम ने ही खोला था, लेकिन 1985 में टेक चंद डोगरा कांग्रेस पार्टी से रिकार्ड मतों से विजयी हुए थे। उस दौर में टेक चंद डोगरा को 14,039 मत प्राप्त हुए थे और भाजपा के दिले राम को 8332 मत प्राप्त हुए। टेक चंद डोगरा ने कांग्रेस की ओर से राजनीति की पारी खेलते हुए 5707 मतों से दिले राम को पराजित किया था, लेकिन 1990 के चुनावों में टेक चंद डोगरा को अपने ही विरोधियों का सामना करना पड़ा और इस बात का फायदा उस समय भाजपा के दिले राम को हुआ और उन्हें 16,334 मत प्राप्त हुए, जबकि कांग्रेस के टेक चंद डोगरा को 11858 मत प्राप्त हुए। वर्ष 1990 की हार के बाद और अपनी ही पार्टि के बागियों का शिकार हुए टेक चंद डोगरा को 1993 में पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिला। फिर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 20120 मत प्राप्त हुए। इस समय टेक चंद डोगरा ने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के दिले राम को परास्त किया। फिर 1993 से लेकर 2003 तक टेक चंद डोगरा ने कांग्रेस पार्टी की ओर से लंबी पारी राजनीतिक क्षेत्र में खेली और बतौर निर्दलीय कांग्रेस के साथ मिलकर तीन बार कांग्रेस के विधायक इसी सीट पर रहे। वीरभद्र सिंह के खास राजनेताओं की श्रेणी में टेक चंद डोगरा शामिल हुए। टेक चंद डोगरा का नाम उस समय वीरभद्र सिंह की की गुड नेताओं की बुक में दर्ज हुआ। उस समय यहां से भाजपा को लगातार तीन बार मुंह की खानी पड़ी, लेकिन भाजपा के दिले राम ने लगातार तीन बार हार का सामना करने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और 2007 में 29,228 मतों से विजयी हुए। उस समय टेक चंद डोगरा को 21,640 मत प्राप्त हुए थे और 7588 मतों से दिले राम के नाम रिकार्ड तोड़ जीत दर्ज हुई। नाचन विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक इतिहास में इतने मतों से जीत का रिकार्ड किसी नेता ने नहीं तोड़ा। टेक चंद डोगरा ही इस विधानसभा क्षेत्र में एकमात्र ऐसी शख्सियत के रूप में उभर कर सामने आए, जिन्होंने आजाद प्रत्याशी के तौर पर भी चुनाव रिकार्ड मतों से जीता है। वर्ष 2012 में भाजपा ने नए चेहरे के रूप में विनोद कुमार को उतारा और उस समय कांग्रेस की अंतरकलह के चलते इसका फायदा सीधे तौर पर भाजपा को हुआ। दिले राम के बाद भाजपा विधायक विनोद कुमार कामयाब हुए। नाचन का राजनीतिक इतिहास रहा है, जब-जब कांग्रेस खेमे से कोई नेता बागी होकर चुनावी रणभूमि में उतरा है, तब-तब कांग्रेस की चाल के सारे मोहर यहां पर चित हुए हैं।
कब, किस नेता ने जीता जनता का दिल
वर्ष विजेता/पार्टी वोट हारा/पार्टी वोट
2012 विनोद कुमार/भाजपा 22924 टेकचंद डोगरा/कांग्रेस 19893
2007 दिले राम/भाजपा 29228 टेक चंद डोगरा/कांग्रेस21640
2003 टेक चंद/कांग्रेस 17479 दिले राम/भाजपा 15869
1998 टेक चंद/कांग्रेस 14390 दिले राम/भाजपा 13631
1993 टेक चंद/आजाद 20120 दिले राम/भाजपा 12814
1990 दिले राम/भाजपा 16334 टेक चंद/कांग्रेस 11858
1985 टेक चंद/कांग्रेस 14039 दिले राम/भाजपा 8332
1982 दिले राम/भाजपा 11873 टेक चंद/कांग्रेस 8745
1977 दिले राम/जेएनपी 7222 टेहल दास/कांग्रेस 3751
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