निर्मला से कैसे सरोज खान बनीं मशहूर कोरियोग्राफर

By: Nov 19th, 2017 12:07 am

सरोज खान का जन्म 22 नवंबर, 1948 को किशनचंद सद्धू सिंह और नोनी सद्धू सिंह के घर हुआ था। सरोज ने 200 से ज्यादा फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी की है। निर्मला के तौर पर जन्म होने के बाद सरोज का परिवार विभाजन के बाद भारत आ गया था। उन्होंने बाल कलाकार के तौर अपने करियर की शुरुआत तीन सील की उम्र में की थी। पहली बार वह ‘नजराना’ फिल्म में (श्यामा ) के रूप में नजर आई थीं। इसके बाद 1950 के दशक में वह बैकग्राउंड डांसर का काम करती थी।  सरोज खान की 13 साल की उम्र में बी सोहनलाल से शादी हो गई थी, जो पहले से शादीशुदा थे। उन्होंने अपने पति से डांस सीखा। इसके बाद वह खुद कोरियाग्राफर बनने के लिए चल पड़ीं। पहले वह असिस्टेंट कोरियोग्राफर थीं। इसके बाद 1974 में आई फिल्म गीता मेरा नाम से वह स्वतंत्र कोरियोग्राफर बन गईं।  खान को सफलता ‘मिस्टर इंडिया’ में श्रीदेवी के ऊपर फिल्माए गए गाने हवा-हवाई से मिली। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं दिखा। डांसिंग दीवा माधुरी को डांस सिखाने में उनका अहम योगदान है।  2002 की ‘देवदास’, 2006 की शृंगारम और 2007 की ‘जब वी मेट’ के लिए उन्हें कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। सरोज कई रियलिटी शो में जज के तौर पर दिखाई दे चुकी हैं। जिसमें ‘नच बलिए, उस्तादों के उस्ताद, नचले वे विद सरोज खान, बूगी-वूगी, झलक दिखला जा’ जैसे शामिल हैं।  माधुरी दीक्षित ने सरोज खान के साथ आखिरी बार ‘गुलाब गैंग’ में काम किया था।


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