पहेलियां
Nov 26th, 2017 12:05 am
कल बनता धड़ के बिना
मल बनता सिरहीन।
थोड़ा हूं पैर कटे तो,
अक्षर केवल तीन।
***
तीन अक्षर का मेरा नाम ,
उल्टा-सीधा एक समान।
***
पानी से निकला दरख्त एक
पात नहीं पर डाल अनेक।
एक दरख्त की ठंडी छाया ,
नीचे एक बैठ न पाया।
***
हाथ-पैर सब जुदा-जुदा ,
ऐसी सूरत दे खुदा।
जब वह मूरत बन ठन आवे ,
हाथ धरे तो राग सुनावे।
उत्तर : 1. कमल, 2. जहाज , 3. फुहारा , 4. हुक्का
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