पीपल के गुणकारी लाभ

By: Nov 18th, 2017 12:05 am

पवित्र पीपल वृक्ष को मानवता की सभ्यता के अनंतकाल से ही हिंदुओं द्वारा पूजा जाता है, लेकिन पीपल वृक्ष धार्मिक मान्यता के अलावा औषधीय गुणों से भरपूर है तथा अनेक असहाय मानी जाने वाली बीमारियों का पीपल के उपयोग से स्थायी उपचार किया जा सकता है। पीपल वृक्ष को औषधीय गुणों का भंडार माना जाता है तथा इसके उपयोग से नपुंसकता, अस्थमा गुर्दे, कब्ज, अतिसार तथा अनेक रक्त विकारों का सुगम घरेलू उपचार किया जा सकता है। पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बाल कृष्ण जी के अनुसार पीपल की पत्तियों, बीज, छाल, जडं़े, तने, टहनियों में औषधीय गुणों का भंडार पाया जाता है।  पीपल के पौधे के औषधीय उपयोग से निम्नलिखित रोगों के सफल उपचार के किए जा सकते हैं। खूनी दस्त अतिसार- पीपल के कोमल तने, बीज, क्रिस्टल चीनी को बराबर मात्रा में मिलाकर मिश्रण बना लें तथा दिन में इस मिश्रण को आवश्यकतानुसार 3-4 बार लें। इसके सेवन से खूनी अतिसार बंद हो जाएंगे।

भूख कम लगना – पीपल के पके हुए फलों के उपयोग से भूख कम लगना, खांसी, पित्त, रक्त संबंधी विकार तथा उल्टियां आदि का उपचार संभव है।

पेट दर्द- पीपल की 2-5 पत्तियों का पेस्ट बना कर उसे 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर मिश्रण बना लें तथा इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन से पेट दर्द में राहत मिलेगी।

अस्थमा- पीपल की छाल तथा पके हुए फलों का अलग-अलग पाउडर बना कर उसे समान मात्रा में मिला लीजिए। इस मिश्रण का दिन में 3-4 बार सेवन से अस्थमा रोग से मुक्ति मिलती है।

सांप काटने पर- जहरीले सांप के काटे जाने पर पीपल की कोमल पत्तियों के रस की दो-दो बूंदे लें तथा उसकी पत्तियों को चबाएं। उससे सांप के विष का असर कम होगा।

त्वचा रोग – पीपल की कोमल पत्तियों को चबाने से त्वचा की खारिश तथा अन्य रोगों का उपचार होता है। पीपल की पत्तियों की 40 मिलीलीटर चाय का सेवन भी अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है।

दाद, खुजली- 50 ग्राम पीपल की छाल की राख बना कर इसमें नींबू तथा घी मिलाकर इसका पेस्ट बना कर, इस पेस्ट को प्रभावित अंगों पर लगाने से आपको तुरंत शीतलता प्राप्त होगी।

फटी एडि़यां- फटी एडि़यों पर पीपल की पत्तियों का रस या उसका दूध लगाएं, एडियां ठीक हो जाएंगी।

नपुंसकता- पीपल के फल के पाउडर का आधा चम्मच दिन में दूध के साथ तीन बार लेने से नपुंसकता समाप्त हो जाती है।

कब्ज- पीपल के 5-10 फल प्रतिदिन सेवन में कब्ज रोग का स्थायी समाधान होता है।

लिवर रोगों के लिए- 3-4 ताजा पीपल की पत्तियों को क्रिस्टल चीनी में मिलाकर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को 250 ग्राम पानी में मिलाकर मिश्रण को छान लें। इस स्कवायश को रोगी को 5 दिन तक दिन में दो बार दें। यह मिश्रण पीलिया रोग में अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है।

मेरुदंड में सूजन के लिए-  10-20 ग्राम पीपल की छाल को जलाकर , इसमें बराबर मात्रा में कलमी शोरा मिलाकर इसे पके हुए केले में डालकर ग्रहण कर लजिए। प्रतिदिन ऐसे केले के सेवन से इस बीमारी से मुक्ति मिलेगी।

हिचकी आने पर- 50-100 ग्राम पीपल की छाल का चारकोल बनाकर इसे पानी से बुझा दें। इस पानी के सेवन से हिचकी आनी बंद हो जाती है।

आंखों में दर्द – पीपल की पत्तियों का दूध को आंखों पर लगाने से आंखों की पीड़ा कम होगी।

दांत दर्द- पीपल तथा वट वृक्ष की छाल बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को गर्म पानी में उबाल कर कुल्ला करने से दांत दर्द समाप्त हो जाता है।


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