बैचवाइज होगी जेबीटी भर्ती

By: Nov 23rd, 2017 12:05 am

हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला, टेट में मैरिट हासिल करना अब जरूरी नहीं

शिमला — प्रदेश भर के जेबीटी करने वाले व कर चुके युवाओं के लिए खुशखबरी है। अब जेबीटी की भर्ती के लिए टेट में मैरिट हासिल करना आवश्यक नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता जोगिंद्र पाल के उस मामले पर फैसला सुनाया है, जिस पर याचिकाकर्ता ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की मैरिट के हिसाब से भर्ती करने की अधिसूचना को कोर्ट में चुनौती दी थी। इस फैसले से जेबीटी कर चुके दर्जनों युवाओं में खुशी की लहर है। याचिकाकर्ता व जेबीटी संघ के अध्यक्ष जोगिंद्र पाल ने कहा कि जेबीटी के 2008-10 के बैच को करीब सात साल बाद राहत मिली है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग ने टेट की मैरिट के आधार पर पहले 1308 और उसके बाद करीब 600 भर्तियां की हैं, जिसमें सभी बैच, 2008-10, 2011-13 और 2013-15 की एक ही टेट मैरिट बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से पहले जेबीटी कर चुके कई लोग नौकरी से वंचित रह गए। उन्होंने कहा कि अब हाई कोर्ट इस फैसले का जेबीटी संघ स्वागत करता है और बैचवाइज होने वाली जेबीटी भर्ती का भी समर्थन करता है। गौर हो कि 23 अगस्त, 2012 में सरकार ने नियमों में परिर्वतन कर जेबीटी की बैचवाइज भर्ती न करवाकर इसे टेट मैरिट के आधार पर करने के नियम तय किए थे। पहले 1308 और उसके बाद अन्य 600  भर्तियां की गई थीं। इसके विरोध में याचिकाकर्ता ने टेट मैरिट और आर एंड पी रूल्स को लेकर याचिका दायर की थी।

11 टीजीटी को मिली रि-एडजस्टमेंट

शिमला – हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पदों पर 11 शिक्षकों का पुनः समायोजन किया है। इन शिक्षकों को आर्ट्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल विषय पर रि-एडजस्ट किया गया है। शिक्षा विभाग ने यह फैसला परीक्षाओं के मद्देनजर लिया है। उल्लेखनीय है कि आचार संहिता के चलते किसी भी शिक्षक की ट्रांसफर नहीं की जा सकती। यही वजह है कि विभाग ने इसे रि-एडजस्टेड का नाम दिया है। विभाग की ओर से सोलन, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर, मंडी के स्कूलों में खाली पदों पर टीजीटी शिक्षकों को रि-एडजस्टेड के तौर पर भेजा है।


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