राजा मानसिंह ने 1700 ईस्वी में बनवाया गोंदला गढ़

By: Nov 22nd, 2017 12:02 am

गोंदला गढ़ का निर्माण कुल्लू के राजा मान सिंह द्वारा 1700 ई. में किया गया था, जिसका प्रभाव बारालाचा-ला से परे लिंगती के मैदानों तक फैला हुआ था। परंतु आखिरी ठाकुर फतेहचंद ने 1990 ई. में बताया कि यह बीस पीढि़यां पुराना है…

गोंदला

यह चंद्रा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। मुख्य आकर्षण गोंदला के ठाकुर का घर है, जिसे गोंदला गढ़ या किला कहा जाता है। जिला के गजटीयर के अनुसार इसका निर्माण कुल्लू के राजा मान सिंह द्वारा 1700 ई. में किया गया था, जिसका प्रभाव बारालाचा-ला से परे लिंगती के मैदानों तक फैला हुआ था। परंतु आखिरी ठाकुर फतेहचंद ने 1990 ई. में बताया कि यह बीस पीढि़यां पुराना है। यह भवन आठ मंजिला है। कुल्लू के राजा मान सिंह वहां त्रिलोकीनाथ मंदिर को जाते हुए 1720 ई. में ठहरे थे। अतीत के अवशेष वहां आज भी पड़े हैं। अति प्राचीन वस्त्र, फर्नीचर और बुत उपेक्षित बिखरे पड़े हैं। ‘शाराब राल्दी’ अर्थात  बुद्धिमता की तलवार जो ठाकुर को दलाईलामा द्वारा अतीत में दी गई थी भी फतेह चंद ठाकुर के कब्जे में है। यह तलवार स्पेन की ‘टोलडो’ तकनीक द्वारा बनाई गई दिखाई देती है। वहां आदम कद से बड़ी एक चट्टान है, जिसमें कुछ देवताओं की आकृतियां कुरेदी गई हैं। स्थानीय लोग इस का संबंध, महान काव्य महाभारत के पांडवों से दर्शाते हैं। परंतु ये आकृतियां बौद्ध देवताओं से मेल खाती हैं। जुलाई के महीने में यहां एक मेला लगता है जिसमें लामा नाचते और आनंद मनाते हैं। यह मेला अभ्यागतों को आकर्षित करता है।

एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला

यह स्टेडियम धर्मशाला में है। 2002 ई. में इसकी नींव रखी गई। 21, सितंबर 2003 को अंतर जिला मैच में पहली बाल फेंकी गई, 2004 में दलीप ट्रॉफी के दो मैच खेले गए। मार्च 2005 में पाकिस्तान की टीम अभ्यास के लिए आई। 2006 ई. में मोहम्मद निसार ट्रॉफी मैच रणजी ट्रॉफी चैंपियन उत्तर प्रदेश और सियालकोट इलेवन ऑफ पाकिस्तान के बीच खेला गया, 2007 में 19 वर्ष से कम आयु वर्ग का मैच भारत और दक्षिणी अफ्रीका के बीच खेला गया, 2010 में जे.पी. क्रिकेट महान टूर्नामेंट ट्वेंटी- 20 महासंग्राम ने दुनिया का सबसे लंबा क्रिकेट टूर्नामेंट खेल कर गिन्नीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम लिखाया। यह अद्वितीय मैदान है।

हाटकोटी

यह शिमला से 104 किलोमीटर की दूरी पर रोहडू से 16 किलोमीटर पहले पड़ता है। दुर्गा और भगवान शिव का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर देखने योग्य है। इसके समीप पब्बर नदी बहती है। यहां से एक सड़क उत्तराखंड को जाती है। इसके निकट कुछ महाभारत काल के स्थान हैं।

सारचू

हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के बीच यह लाहुल घाटी में सीमा का अंतिम बिंदु है। सारचू लाहुल-स्पीति जिला में स्थित एक आकर्षक स्थल है।                   —क्रमशः


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