रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण

By: Nov 22nd, 2017 12:05 am

भारतीय संसद का एक अधिनियम है जो घरेलू खरीददारों की रक्षा करने के साथ-साथ स्थावर संपदा (रियल एस्टेट) में पूंजी  निवेश को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह अधिनियम राज्यसभा में 10 मार्च 2016 को तथा लोकसभा में 15 मार्च 2016 को पारित हुआ था। इसकी 92 में से 69 धाराओं को लागू करते हुए इस अधिनियम को 01 मई, 2016 से लागू कर दिया गया।

अधिनियम के मुख्य प्रावधान

1: राज्य स्तर पर ‘रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण’ (रेरा) के गठन का प्रावधान।

2: त्वरित न्यायाधिकरणों द्वारा विवादों का 60 दिन के भीतर समाधान।

3: 500 वर्ग मीटर या 8 अपार्टमेंट तक की निर्माण योजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण योजनाओं को रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण में पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

4: ग्राहकों से ली गई 70 प्रतिशत धनराशि को अलग बैंक में रखने एवं उसका केवल निर्माण कार्य में प्रयोग का प्रावधान।

5: परियोजना संबंधी जानकारी जैसे-प्रोजेक्ट का ले-आउट, स्वीकृति, ठेकेदार एवं प्रोजेक्ट की मियाद का विवरण खरीददार को अनिवार्यतः देने का प्रावधान।

6 : पूर्वसूचित समय-सीमा में निर्माण कार्य पूरा न करने पर बिल्डर द्वारा उपभोक्ता को ब्याज के भुगतान का प्रावधान। यह उसी दर पर होगा जिस दर पर वह भुगतान में हुई चूक के लिए उपभोक्ता से ब्याज वसूलता।

7: रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण के आदेश की अवहेलना की स्थिति में बिल्डर के लिए 3 वर्ष की सजा व जुर्माने का प्रावधान एवं रियल एस्टेट एजेंट और उपभोक्ता के लिए 1 वर्ष की सजा का प्रावधान। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए कानून का प्रस्ताव पहली बार जनवरी, 2009 में राज्यों एवं संघ क्षेत्रों के आवास मंत्रियों की राष्ट्रीय बैठक में पारित किया गया था।

आवासीय और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने इस संबंध में आठ वर्षों के लंबे प्रयासों के बाद 01 मई, 2016 को प्रभावी होने वाले इस अधिनियम में अधिनियम के कुल 92 अनुच्छेदों के 69 को अधिसूचित किया। 01 मई, 2016 को अधिनियम के प्रारंभ होने की अधिसूचना के अनुसार, इस अधिनियम के अंतर्गत नियमों को केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा अधिनियम की धारा 84 के अंतर्गत 31 अक्तूबर, 2016 तक अधिकतम छह माह की अवधि के भीतर नियम तैयार करने को कहा गया था। विधायिकाओं से रहित केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए आवासीय और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय जबकि दिल्ली के लिए शहरी विकास मंत्रालय नियम बनाएगा।


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