संविधान निर्माता को साक्षी मानकर की शादी

By: Nov 25th, 2017 12:02 am

भाठापारा जांजगीर के युवक ने शुक्रवार को ग्राम सरखों की एक युवती को डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष अपना जीवन संगिनी स्वीकार किया। दोनों ने शासन द्वारा शादी के लिए निर्धारित आयु पूरी कर ली है। लड़का टेलर का काम करता है। सामान्यतः अग्नि को साक्षी मानकर और मंदिरों में देव प्रतिमाओं को साक्षी मानकर विवाह की बातें देखने व सुनने में आती है, मगर जिला मुख्यालय में शुक्रवार को एक जोड़े ने नए अंदाज में शादी की। तहसील न्यायालय परिसर के सामने स्थित डा. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के सामने रवि रत्नाकर (22) पिता पुनऊ राम ने ग्राम सरखों निवासी किरण सूर्यवंशी (18) पिता दिलीप सूर्यवंशी को अपना जीवन संगिनी स्वीकार किया। इसके लिए उन्होंने डा. अंबेडकर की प्रतिमा स्थल को सबसे बेहतर स्थान माना। दोनों जयमाला अपने परिजनों के साथ यहां पहुंचे और प्रतिमा के समक्ष युवक ने युवती की मांग भरी। इतना ही नहीं दोनों ने डा. अंबेडकर प्रतिमा के सामने एक दूसरे को जयमाला डाली। इस अवसर पर वर-कन्या के परिजनों ने नवदंपति को आशीर्वाद दिया। नए ढंग से हुई इस शादी को देखने लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। युवक रवि रत्नाकर टेलर का काम करता है। उसने बताया कि डा. अंबेडकर के प्रति उनकी अगाध श्रद्घा है। उन्होंने ही हमें समानता व स्वतंत्रता का अधिकार दिलाया, इसलिए हमने उन्हीं को साक्षी मानकर विवाह किया है। नोटरी से शपथ पत्र भी तैयार कराया है।


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