सिरमौर हाउस हिल… दाग अच्छे नहीं हैं

By: Nov 21st, 2017 12:05 am

नाहन — जिला मुख्यालय नाहन की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले शहर के कुछ गिने चुने हरित क्षेत्र आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़क रहे हैं। इनमें जिलाधीश सिरमौर के सरकारी आवास सिरमौर हाउस के साथ लगता हरित क्षेत्र जिसे यदि सिरमौर हाउस हिल पुकारा जाए तो अनुचित न होगा व सीजेएम आवास की पहाड़ी का हाथी की कब्र के साथ वाला क्षेत्र, रानीताल गार्डन, न्यायालय परिसर व विल्ला राउंड क्षेत्र व शिमला रोड के आसपास के शांतिसंगम क्षेत्र का नाम सर्वोपरि है। गौरतलब है कि ये सभी क्षेत्र जैव विविधता यानी ईको डाइवर्सिटी के शहर के बीच में व इर्द-गिर्द प्रमुख केंद्र है, इनमें न केवल विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां, औषधीय पौधे, जड़ी-बूटियां है अपितु ऊंचे-ऊंचे चीड़ पाइन, सरू, सिंबल, आम, शीशम सरीखे वृक्ष भी हैं। ये क्षेत्र वासा, गुलाबांस, अमल तास, रातरानी, रेलवे क्रीपर, बसंत आदि स्वतः उगले वाले प्राकृतिक व जंगली फूलों से महकते हैं। यह न केवल फलोरा अपितु फौना अर्थात जीव जंतुआें का भी आश्रय स्थल है। इन हरित पॉकेटों में नेवले, लंगूर, मैकाक वानर, गिलहरियां, तोते, हुदहुद, मैना, बुलबुल, हमिंग बर्ड, गौरेय्या आदि के अतिरिक्त गिरगिट आदि कई रैपटाइल्ज भी शरण लेते हैं, परंतु शहर के विकास के चलते इन हरित क्षेत्रों में लोग मलबा व निर्माण सामग्री के बचे हुए अपशिष्टों को फेंककर इनको प्रदूषित कर रहे हैं। सिरमौर हाउस की कन्या विद्यालय की ओर तो कांटेदार तार की बाड़ लगी है, परंतु वैटरीनरी हास्पिटल की तरफ वाली ओर से बड़ी संख्या में नेपाली प्रवासी कुली शौच करके इसे प्रदूषित कर रहे हैं। जो मीट विक्रेता वैटरीनरी हास्पिटल में भेड़-बकरी को काटने से पूर्व पास करवाने आते हैं वो भेड़-बकरियों को पत्तियां चरने इस हरित क्षेत्र में टाइम पास हेतु छोड़ देते हैं जो कि नए उगने वाले पौधों व दुर्लभ जड़ी-बूटियों को चर कर सफाचट कर देती हैं। कई बार आगजनी की घटनाओं से शिमला रोड, हास्पिटल राउंड व शमशेर विल्ला के हरित क्षेत्रों को खासा नुकसान पहुंचता है। आज इन सभी क्षेत्रों को संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता है। शहर के पर्यावरण प्रेमी अजय, राजन, मनीष व शशी का कहना है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी व मुख्य अरण्यपाल ने अपने कार्यालयों के अहातों में सफलतापूर्वक देवदार के वृक्ष लगाए हैं। नाहन में दो पुराने देवदार के प्रत्यारोपित वृक्ष भी मौजूद हैं। चूंकि नाहन देवदार के लिए उपयुक्त ट्री लाइन से कुछ कम ऊंचाई पर स्थित है। वैसे नाहन जितनी ऊंचाई व मौसम वाले हिमाचल के अन्य क्षेत्रों बैजनाथ, पालमपुर, लोअर धर्मशाला आदि में देवदार सफलतापूर्वक उगाए गए हैं। पर्यावरण प्रेमी अजय, राजन, मनीष, ममता, शशि, सुदर्शना आदि ने जिलाधीश सिरमौर, वन विभाग के आला अधिकारियों व रोटरी क्लब, लायंस क्लब जैसी स्वयंसेवी संस्थाओं से देवदार व अन्य एरोकेरिया सरीखे सौंदर्यबर्धक वृक्षों व पुष्प पौधे लगाकर शहर के सौंदर्यीकरण की अपील की है।


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