सुक्कड़ के जसो राम को मिला ठिकाना

By: Nov 18th, 2017 12:05 am

मटौर —  सैकड़ों शिकायतों के बावजूद झुर्रियां पड़े उस चेहरे पर आज खुशी झलक रही थी। मुद्दतों बाद उसने भरपेट खाना खाया था, इसका अंदाजा उसके खाने का अंदाज बता रहा था। उसकी आंखें  बता रही थीं कि कई रातों बाद वह चैन की नींद सोया था। अब उसके बदन पर मैले फटे चीथड़े नहीं थे, बल्कि साफ सुथरे कपड़े उसे इनसान होने का एहसास करा रहे थे। सच में वृद्ध आश्रम दाड़ी आकर खुश था सुक्कड़ का जसो राम। यह सब मुमकिन हो पाया योल की बेटी शगुन हंस के प्रयासों से। बस से सफर करते वक्त जब उसकी नजर जसो राम पर पड़ी तो न केवल सबसे पहले  उसने जसो राम के लिए भोजन की व्यवस्था की बल्कि ‘दिव्य हिमाचल’ तक उसकी आवाज को भी पहुंचाया।  जसो राम का कहा समझ आज भी नहीं आ रहा था, लेकिन साफ-सुथरे और ताजगी भरे माहौल को देखकर वह बहुत खुश नजर आ रहा था। दाड़ी वृद्ध आश्रम के बिस्तर पर बैठा जसो राम हर आने-जाने वाले के सामने हाथ जोड़कर उनका शुक्रिया अदा कर रहा था। हालांकि यहां उसके अपने नहीं हैं, लेकिन अपनों से भी अधिक ख्याल रखने वाले लोग मौजूद हैं। आश्रम में महिला-पुरुषों को मिलाकर उसके जैसे बीस लोग और हैं, जो उसे इस बात का एहसास करवाते हैं कि इस दौर से गुजरने वाला वह अकेला ही नहीं है। वृद्ध आश्रम दाड़ी में जसो राम को साफ-सुथरा बिस्तर मिला है। कमरे में लगे हीटर की गर्मी इस बार सर्द हवाओं को उसे छूने भी नहीं देगी। अब उसे ठंडे पानी से मुंह नहीं धोना पड़ेगा बल्कि नहाने के लिए रोज गर्म पानी मिलेगा।  बता दें कि ‘दिव्य हिमाचल’ की पड़ताल में पता चला था कि जसो राम को उसके अपनों ने ही छोड़ दिया था और वह कई वर्षों से फतेहपुर में रह रहा था। आसपास के दुकानदार सुबह-शाम उसके खाने का जुगाड़ करते थे। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अखबार के मार्फत जसो राम की पीड़ा को प्रशासन के ध्यान में लाया।


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