सुजानपुर वीआईपी सीट…यहां गुरु-चेले में है सीधी टक्कर

By: Nov 1st, 2017 12:15 am

हमीरपुर — पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के सुजानपुर आने से यह विधानसभा क्षेत्र सबसे चर्चित हो गया है। इस चुनावी अखाडे़ में गुरु-चेले की सीधी टक्कर होगी। राजपूतों के प्रभाव वाले इस हलके में कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने राजनीतिक गुरु प्रेम कुमार धूमल की छत्रछाया में सियासी सफर शुरू किया था। टिकट आबंटन से नाराज राजेंद्र राणा ने बागी तेवर अपनाते हुए सुजानपुर से सियासी सफर आरंभ किया था। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि अब उनके सामने राजनीतिक गुरु मुकाबले के लिए अखाड़े में उतर आए हैं। इसके चलते यह सीट और भी ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है। पांच साल पहले अस्तित्व में आए सुजानपुर में निर्दलीय तथा भाजपा की जीत हुई है। कांगे्रस इस सीट पर खाता खोलने के लिए खूब पसीना बहा रही है। इस क्षेत्र में कांग्रेस को तीन बार शिकस्त झेलनी पड़ी है। पुनर्सीमांकन से पहले यह क्षेत्र बमसन और हमीरपुर सदर का हिस्सा हुआ करता था। इस कारण सुजानपुर में धूमल और जगदेव परिवार का खासा प्रभाव रहा है। अब धूमल के चुनावी रण बन जाने से सुजानपुर में भाजपा की चहल-पहल पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ गई है। पुनर्सीमांकन के बाद अस्तित्व में आई सुजानपुर सीट पर पहली जीत निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने दर्ज की थी। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और विधानसभा से त्यागपत्र दे दिया। राजेंद्र राणा का यह फैसला सुजानपुर की जनता को रास नहीं आया और लोकसभा चुनावों में उन्हें भाजपा प्रत्याश्ी अनुराग ठाकुर से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। लोकसभा टिकट मिलने और विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद सुजानपुर के उपचुनाव में भी कांग्रेस को झटका लगा था। उपचुनाव में राजेंद्र राणा की धर्मपत्नी अनीता राणा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में नरेंद्र ठाकुर ने जीत हासिल की। इस बार कांग्रेस ने राजेंद्र राणा को सुजानपुर से टिकट दिया है। बताते चलें कि सुजानपुर एक जमाने में कटोच वंश की राजधानी थी। यहां बना एक प्राचीन किला देखने के लिए लोगों का नियमित आना-जाना लगा रहता है। यहां एक विशाल मैदान है, जिसमें चार दिन तक होली पर्व होेता है। यहां एक सैनिक स्कूल भी स्थित है। धार्मिक केंद्र के रूप में भी यह स्थान खासा लोकप्रिय है और यहां नर्वदेश्वर, गौरी शंकर और मुरली मनोहर मंदिर बने हुए हैं। सुजानपुर का सैनिक स्कूल आज देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शुमार हो चुका है। धूमल के आते ही बदल गए हालात प्रेम कुमार धूमल को हमीरपुर सदर से सुजानपुर शिफ्ट किए जाने से अब इस विधानसभा के सारे समीकरण बदल गए हैं। अचानक यह सीट सुर्खियों में आई है। जाहिर है कि हमीरपुर की राजनीति में राजेंद्र राणा का भी खासा प्रभाव माना जाता है। इस बार मुकाबला सीधे तौर पर राजनीतिक गुरु प्रेम कुमार धूमल से है।


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