सोशल मीडिया पर वायरल रुझानों ने बढ़ाई धुकधुकी

By: Nov 12th, 2017 12:05 am

बिलासपुर —  चुनाव आयोग द्वारा मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद 14 दिसंबर तक एग्जिट पोल जारी करने पर रोक लगाए जाने के बावजूद सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे अलग-अलग सर्वेक्षणों में सामने आ रहे रुझानों ने राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की धुकधुकी बढ़ा दी है। इन सर्वों के तहत सामने आ रहे रुझानों में प्रदेश में कहीं बीजेपी को बढ़त दर्शाई गई है तो कहीं कांग्रेस की एकतरफा जीत दिखाई जा रही है। यही नहीं, नामी चैनलों के नाम का प्रयोग कर सोशल मीडिया पर जारी किए जा रहे इन रुझानों  पर शायद अभी तक चुनाव आयोग की नजर नहीं पड़ी है। नौ नवंबर को मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। मतदान के दूसरे दिन प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर चुनावी कैंपेन का फीडबैक लिया और जीत के अंतर को लेकर भी गहनता से चर्चा की। दिन भर चुनावी कैंपेन पर ही चर्चाओं का दौर जारी रहा। चुनाव परिणाम अभी 18 दिसंबर को आने हैं लिहाजा सवा माह का अंतराल में राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के लिए किसी आफत से कम नहीं है, क्योंकि हर दिन उन्हें चुनाव परिणाम को लेकर ही फिक्र रहेगी। कई प्रत्याशी किसी सुकून वाली जगह जाने का कार्यक्रम भी बना रहे हैं, ताकि इस अवधि को शांतिपूर्वक कहीं बिताया जा सके। राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के लिए अब एक ओर चिंता उत्पन्न हो गई है। हालांकि चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया के साथ ही चैनलों पर एग्जिट पोल जारी करने पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है। यह पाबंदी 14 दिसंबर तक लागू की गई है, लेकिन चिंताजनक बात यह है कि चुनाव आयोग के फैसले के बावजूद सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ आ रहे रुझानों ने राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को चिंता में डाल दिया है। हर दिन सोशल मीडिया पर रुझान धड़ाधड़ अपलोड किए जा रहे हैं। इसके तहत कहीं भाजपा की रिकार्ड जीत तो कहीं कांग्रेस की जीत के बारे में जिक्र किया गया है। देखने वाली बात यह है कि सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे रुझान नामी चैनलों के नाम से हैं। हालांकि यह तो तय है कि यह पूरी तरह से फर्जी लोग हैं, लेकिन इन रुझानों ने प्रत्याशियों की उलझन भी बढ़ा दी है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो जनता ने नौ नवंबर को अपना फैसला कर दिया है। अब 18 दिसंबर का इंतजार है ।

जीत को लेकर आश्वस्त प्रत्याशी

हालांकि कई प्रत्याशियों से बात की गई तो अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त प्रत्याशियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्हें इन रुझानों की जरा भी परवाह नहीं है। क्योंकि चुनाव बाद इस तरह के रुझान तो आते ही हैं। फैसला तो जनता ने नौ नवंबर को कर दिया है, तो 18 दिसंबर का बेसब्री से इंतजार है। उस दिन परिणाम सभी के सामने होंगे।

जगह-जगह-चर्चाओं का दौर गर्म

चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद हार-जीत को लेकर गलियों, चौराहों और चाय की दुकानों के साथ ढाबा और होटलों में भी प्रत्याशियों की जीत-हार को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। राजनीतिक विचारधारा के चलते सभी अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं कि कहां से कौन उम्मीदवार विजयी रहेगा। प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने आकाओं की हार-जीत के जमा जोड़ को लेकर भी खूब मशक्कत कर रहे हैं। आने वाले दिनों में चुनाव के बाद के माहौल में और अधिक गरमाहट घुलने के आसार हैं।


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