हिमाचल में गलत जेनेरिक दवा
पेट दर्द की दवा के पत्ते पर साल्ट गलत; विभाग में हड़कंप, दवाइयों की गुणवत्ता पर सवाल
मंडी- हिमाचल में निर्मित दवाओं के सैंपल फेल होने की खबरों के बीच अब सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली एक दवा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। हिमाचल में मरीजों को सरकार द्वारा डाइसाइक्लोमाइन नाम की जेनेरिक दवा गलत (मिस ब्रांडिंग) बांटी जा रही है। डाक्टरों के मुताबिक डाइसाइक्लोमाइन पेट दर्द के लिए दी जाती है, लेकिन इस दवा के पत्ते में साल्ट का नाम गलत है। ऐसे में सवाल पैदा हो गया है कि दवा ही गलत बनाई गई है या सिर्फ दवा के पत्ते पर गलत जानकारी (मिस ब्रांडिंग) लिखी गई। ड्रग कंट्रोलर के एक अधिकारी तक यह खबर पहुंचने के बाद विभाग में भी हड़कंप मच गया है। फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया यह गलत जेनेरिक दवा हिमाचल के किस-किस जिला में सप्लाई की गई है। डाक्टरों के बीच इस गलत जेनेरिक दवा का फोटो भी वायरल हो गया है, लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक विभाग को यही पता नहीं कि यह दवाई कहां-कहां जारी हुई है। इसके चलते अस्पताल में मिलने वाली मुफ्त दवाइयों की गुणवत्ता पर फिर से सवाल उठना शुरू हो गए हैं। डाक्टरों सहित फार्मासिस्ट भी उलझन में हैं कि मरीज को यह दवा लिखी जाए या नहीं। गौरतलब हो कि हिमाचल में आए दिन बड़े पैमाने पर दवाओं के सैंपल फेल होने के मामले सामने आते रहते हैं। इसके बीच इतनी बड़ी चूक का सामने आना अपने आप में ही कई सवाल खड़े करता है।
क्या है डाइसाइक्लोमाइन गणित
विशेषज्ञों के मुताबिक डाइसाइक्लोमाइन में डेक्सामिथाजोन नाम का साल्ट डलता ही नहीं है। डेक्सामिथाजोन चार व आठ एमजी तक डोज बनाया जाता है, लेकिन डाइसाइक्लोमाइन के पत्ते में 0.5 एमजी की डोज लिखी गई है। ऐसे में यह बहुत बड़ी चूक है। हालांकि जांच का विषय यह है कि दवा ही गलत बनी है या सिर्फ दवा के पत्ते पर गलत जानकारी दी गई है।
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