हिमाचल में बिजली का संकट

By: Nov 19th, 2017 12:15 am

20 फीसदी ही रह गया उत्पादन; सात लाख यूनिट कम, शॉर्टफॉल पूरा करने की कसरत

शिमला – हिमाचल में शनिवार बिजली उत्पादन बहुत ज्यादा गिर गया। मात्र 20 फीसदी तक उत्पादन शेष रह गया है, जिससे यहां पर बिजली का संकट गहरा गया है। हालांकि राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड ने बिजली की मांग के अनुरूप उपलब्धता को कायम रखने के लिए इंतजाम किए हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में सात लाख यूनिट बिजली की कमी हो चुकी है। इतना शॉर्टफॉल बिजली बोर्ड के पास तब है, जबकि वह दूसरे राज्यों से भी उनको दी गई बिजली को वापस ले रहा है। सभी संसाधनों से बिजली जुटाने के बाद इस कमी को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर बिजली गुल भी रखी जा रही है, जिससे अनुमानित स्तर सही आ सके। प्रदेश को 474 लाख यूनिट बिजली की रोजाना जरूरत बताई जा रही है, जबकि बिजली बोर्ड के पास अपने संसाधनों, स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों व अन्य परियोजनाओं से 171 लाख यूनिट तक ही बिजली मिल पा रही है। इसके अलावा बोर्ड पड़ोसी राज्यों से बैंकिंग और कांट्रा बैंकिंग के जरिए बिजली ले रहा है। शनिवार को बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पीसी नेगी ने स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के अधिकारियों के साथ उत्पादन को लेकर समीक्षा की। उन्होंने सभी परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति को जाना और भविष्य में गहराने वाले संकट से निपटने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रदेश बिजली बोर्ड को जरूरत पूरी करने के लिए दिल्ली से 74.95 लाख यूनिट ओर हरियाणा से 7.2 लाख यूनिट बिजली रोजाना आ रही है। इससे पहले पंजाब से बिजली वापसी हो रही थी जोकि बंद हो गई है। जल्द ही पंजाब से वापस बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी, जिसके साथ उत्तर प्रदेश से भी बोर्ड बिजली वापस लेगा। शुक्रवार रात से प्रदेश में ठंड अधिक बढ़ गई है, जिससे ग्लेशियर जम चुके हैं और नदियों का जलस्तर गिर गया है। बोर्ड की परियोजनाओं के अलावा नाथपा झाखड़ी, रामपुर, कड़छम वांगतू, कोल डैम व भाखड़ा जैसी परियोजनाओं में भी बिजली का उत्पादन कम हो चुका है जहां पर भी जलस्तर गिरा है।


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