15वें वित्त आयोग को मंजूरी

By: Nov 23rd, 2017 12:05 am

मोदी कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर

नई दिल्ली— सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों के वेतन में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने केंद्रीय लोक उपक्रमों (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज- सीपीएसई) में कार्यरत श्रमिकों की मजदूरी में संशोधन की आठवें दौर की वार्ता के लिए मजदूरी-नीति को भी मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार सीपीएसई का प्रबंधन श्रमिकों के साथ मजदूरी पर संशोधन को बातचीत के लिए स्वतंत्र है। इन उपक्रमों में पांच साल या दस साल का मजदूरी समझौता 31 दिसंबर, 2016 को समाप्त हो गया है। हालांकि, इस तरह की मजदूरी बढ़ोतरी के लिए किसी तरह का बजटीय सहयोग उपलब्ध नहीं कराएगी। संबंधित सीपीएसई को इसका पूरा बोझ अपने संसाधनों से उठाना पड़ेगा। इसके अलावा सीपीएसई के प्रबंधन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि संबंधित वेतनमान मौजूदा कार्यकारियो तथा संबंधित कंपनियों के यूनियन के बाहर के कंपनियों से अधिक न होने पाए।  बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग के गठन को भी मंजूरी दे दी है। इसके नियम व शर्तें समय आने पर अधिसूचित होंगी। उधर, प्रेस कान्फ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कैबिनेट ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी रिवाइज करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षा में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन बढ़ोतरी प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। अब जजों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलेगा। इसका लाभ 31 सुप्रीम कोर्ट के, 1000 हाई कोर्ट के और 2500 रिटायर जजों को मिलेगा। विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वेतन में वृद्धि के संदर्भ में संसद में एक विधेयक पेश किया जाएगा।

 अन्य अहम निर्णय

 * यूरोपीय पुनर्गठन एवं विकास बैंक में भारत की सदस्यता को मंजूरी।

*  आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ रूस के साथ सहयोग समझौता। यह प्रस्तावित समझौता अक्तूबर, 1993 के समझौते का स्थान लेगा जो सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी हितों को मजबूत बनाने की दिशा में मददगार है।

*  बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का विस्तार देश के और 640 जिलों में होगा।

*  प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्रों के गठन को मंजूरी।

*  सरकार दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता में बदलाव के लिए अध्यादेश लाएगी।

*  केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और फिलिपीन के बीच सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और आपसी मदद से जुड़े समझौते को मंजूरी प्रदान कर दी। इस समझौते से दोनों देशों को सीमा शुल्क से जुड़े अपराध की रोकथाम और जांच करने के लिए जरूरी प्रासंगिक सूचना उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। समझौते से भारत और फिलिपीन के बीच कारोबार से जुड़े उत्पादों की प्रभावी तरीके से मंजूरी और कारोबार को सुगम बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है ।


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