अंग्रेजी राज खत्म…बिछने लगीं नई पाइपें

By: Dec 11th, 2017 12:05 am

शिमला — शिमला शहर को पेयजल की आपूर्ति के लिए अंग्रेजी हुकूमत द्वारा गुम्मा से बिछाई गई पाइप लाइन को सालों बाद बदलने का काम शुरू हो गया है। ग्रेटर शिमला वाटर एंड सीवरेज सर्किल ने इस पाइप लाइन पर काम चालू कर दिया है। बताया जाता है कि शहरी विकास विभाग ने इसके लिए बजट का प्रावधान किया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले दो -तीन महीनों में नई पाइप लाइन बिछा दी जाएगी। गुम्मा में पंपिंग स्टेशन है, जहां से शिमला के लिए पेयजल की सप्लाई की जाती है। सालों से यहां का पानी शिमला तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन पाइप लाइन वर्षों पुरानी होने के कारण बड़ी जगहों से लीक करती है। इसमें होने वाली पानी की लीकेज को देखते हुए अब सरकार ने इस पाइप लाइन को ही बदलने का निर्णय लिया है, जिस पर काम शुरू हो चुका है। गुम्मा से शिमला के लिए आ रही पेयजल लाइन को क्रैगनैनो से ढ़ली तक बदला जा रहा है। यह पहले चरण का काम है और इसके बाद आगे भी काम बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल इस एरिया में पानी की लीकेज काफी ज्यादा थी, जिसे अब पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक मशोबरा से ढ़ली तक पाइप पहुंचा दी गई हैं। यहां मशोबरा के पास इनको लगाने का काम भी शुरू हो चुका है। कुल 6700 मीटर एरिया में पाइप लाइन को बदला जाएगा, जिसके लिए करीब छह करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। इस दफा बड़ी पाइप यहां पर लगाई जा रही है, जिसका डाया 450 एमएम का बताया जाता है।

गुम्मा बंद…मतलब शिमला प्यासा

गुम्मा पेयजल स्रोत  से करीब 14 एमएलडी पानी शिमला के लिए आता है। यदि गुम्मा से पानी न आए तो शिमला में पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है। गुम्मा के अलावा शिमला को चुरट और अश्वनी खड्ड से पानी मिलता है। अश्वनी खड्ड के पानी में कीटाणु होने के चलते अब वहां से सप्लाई बंद है। इसके साथ अब कोटी बरांडी योजना से भी पानी दिया जा रहा है।

कोल के पानी को वर्ल्ड बैंक देगा पैसा

शिमला को पानी के लिए अब कोल डैम से एक योजना प्रस्तावित है। इसके लिए विश्व बैंक पैसा देने को तैयार है। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है। विश्व बैंक से शिमला को इस योजना के लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिलेगी।

अभी तक महज एक दिन स्केटिंग

आइस स्केटिंग रिंक मैदान में बीते विंटर सीजन के दौरान 23 दिसंबर से स्केटिंग शुरू हुई थी। हालांकि मौजूदा सेशन में स्केटिंग दिसंबर की शुरुआत में ही आरंभ हो गई थी, मगर मौसम में आए बदलाव से एक ही दिन स्केटिंग हो सकी। ऐसे में यहां पर स्केटिंग के चाह्वानों को अभी तक मायूसी ही हाथ लगी है।


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