अब मिशन 2019

By: Dec 19th, 2017 12:02 am

गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा की धमाकेदार जीत के बीच एक बात निकलकर आई, वो है 2019 के लोकसभा चुनाव। इन विधानसभा चुनावों ने पूरे देश की सियासत को इस तरह से गर्म कर दिया कि  यह तय हो गया कि अब विधानसभा चुनावों की धमक लोकसभा से कम नहीं रह गई। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी एक चुनाव के लिए तीन या चार नहीं, बल्कि 34 बार एक प्रदेश का दौरा करें। वहीं, राहुल गांधी ने पिछले तीन महीनों में गुजरात में जो तेजी दिखाई उसका ये असर हुआ है कि कांग्रेस की जीत न सही, लेकिन वोट प्रतिशत तेजी से बढ़ा। एक सही रणनीति के साथ काम करने पर 2019 में डूब चुकी कांग्रेस पार्टी में वापस जान फूंक सके सकते हैं। वहीं, नरेंद्र मोदी ब्रांड ने एक बार फिर से खुद को साबित कर दिया की देश उन्हें ही चाहता है। एक ओर गुजरात और हिमाचल की जीत भाजपा के जीत के रथ को और आगे ले जा रहा है। ऐसे में 2019 के चुनावों में ये पार्टी में जोश बनाए रखने का काम करेगा। इस बात में कोई शक नहीं की भाजपा का बूथ स्तर तक प्रदर्शन बहुत बेहतर है, लेकिन ये भी ध्यान देने वाली बात है कि आने वाले साल में विपक्ष गठजोड़ करके नए समीकरण खड़े कर सकता है, जो नुकसान पहुंचा सकते हैं।

छेड़छाड़ कभी नहीं हो सकती

नई दिल्ली — मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति ने अपने बयान में कहा कि मीडिया में ईवीएम के बारे में उठाए गए सवाल जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूं कि ईवीएम के साथ किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। दोनों राज्यों के सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी मौजूद थी। वोटर ये देख सकते थे कि उन्होंने किसे वोट दिया है।

हार्दिक पटेल ने फिर अलापा ईवीएम का राग

अहमदाबाद — गुजरात में भाजपा जीत हुई, वहीं पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा पर जोरदार हमला करते हुए ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब भगवान के द्वारा बनाए गए हमारे शरीर के साथ डाक्टर छेड़छाड़ कर सकते हैं तो क्या हमारे द्वारा बनाए गए ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती हैं। हार्दिक ने कहा कि मैं किसी पार्टी से नहीं हूं और हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। कांग्रेस के साथ पूरे विपक्ष को ईवीएम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. मैंने कहा था कि कोई ईवीएम पर शक न करे, इसलिए ऐसा माहौल बनाया गया था। हार्दिक पटेल ने कहा कि सूरत की वारछा रोड सीट पर एक लाख पटेल वोटर हैं, लेकिन वहां इतना क्राउड होने के बाद भी हारे तो यह सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन   वापस नहीं होगा। भाजपा पैसे के जोर से जीती है, मैंने कहा था कि ईवीएम की मदद से बीजेपी 100 से अधिक सीट लेकर आएगी।

नोटबंदी-जीएसटी मंजूर

नई दिल्ली—  गुजरात और हिमाचल के नतीजों को देखकर यह साफ है कि कारोबारियों पर जीएसटी और नोटबंदी का कोई खास असर नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल जब पहली जुलाई को जीएसटी लागू करने का ऐलान किया तो कारोबारियों में नाराजगी ज्यादा थी, तब माना जा रहा था कि बीजेपी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। बता दें कि जीएसटी की वजह से कारोबार पर लगने वाले टैक्स के कारण यह वर्ग खुश नहीं था, लेकिन पीएम मोदी के जादू ने कारोबारियों को एक बार फिर बीजेपी को वोट डालने के लिए मजबूर कर दिया। आम लोगों को जोड़ने के लिए राहुल गांधी ने गब्बर सिंह टैक्स जैसे नाम भी दिए, लेकिन यह बात भी लोगों को जोड़ नहीं पाई। उधर, राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान की सलाहकार और अर्थशास्त्री राधिका पांडे के मुताबिक गुजरात की जनता की ओर से बीजेपी को बहुमत मिलना इस बात की ओर इशारा करता है कि इन मुद्दों पर जनता सरकार के साथ है और सरकार भी दूसरे चरण के कड़े रिफॉर्म पर आक्रमक तरीके से आगे बढ़ेगी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि गुजरात और हिमाचल की जनता ने नोटबंदी और जीएसटी के सरकार के फैसले का समर्थन किया है।

 


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