एफआरडीआई के बेल-इन प्रस्ताव को हटाए सरकार
नई दिल्ली — बैंकों में जमा आम आदमी के पैसों पर कोई आंच न आए, इसके लिए इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने फाइनांशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल में सरकार को जरूरी बदलाव करने की हिदायत दी है। एसोचैम ने कहा है कि बिल में आम आदमी की जमा पूंजी की सुरक्षा को लेकर तस्वीर साफ की जानी चाहिए। उसने सरकार को ये भी हिदायत दी है कि वह एफआरडीआई बिल के ‘बेल-इन’ प्रस्ताव को हटा दे, जो जमाकर्ता को भी क्रेडिटर्स के तौर पर गिनता है। एसोचैम ने एक बयान जारी कर बताया कि बिल के इस ‘बेल-इन’ प्रस्ताव ने आम लोगों के बीच बैंक में जमा अपने पैसे को लेकर संशय की भावना पैदा कर दी है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि बिल में दिए गए इस प्रस्ताव को भारतीयों को ध्यान में रखकर पूरी तरह निकाल दिया जाना चाहिए, क्योंकि आम आदमी के पैसे की रक्षा हर हाल में की जानी चाहिए। रावत ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो बैंकों में लोगों का जो विश्वास बना है, वह खत्म हो जाएगा। इसकी वजह से सरकार के सामने नई चुनौतियां आएंगी।
क्या है बेल-इन प्रस्ताव
एफआरडीआई बेल में दिए गए बेल इन प्रस्ताव का मतलब है कि जब भी कोई बैंक दिवालिया होगा तो उसे बचाने का भार सिर्फ सरकार ही नहीं उठाएगी, बल्कि बैंक को बचाने के लिए जमाकर्ता को भी थोड़ा भार उठाना पड़ेगा।
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