काठगढ़ में है छह फुट लंबा शिवलिंग

By: Dec 27th, 2017 12:05 am

ब्यास  और चौंच नदियों के संगम पर इंदौरा से सात किलोमीटर की दूरी पर काठगढ़ गांव स्थित है। यह मुगल शैली में बना एक पुराना मंदिर है जिसमें छह फुट लंबा और 5 फुट गोलार्द्ध की शक्ल का शिवलिंग है…

कुल्लू

सबसे अधिक रमणीक और सुंदर कुल्लू घाटी ने ब्यास नदी के दोनों ओर अपनी छटा बिखेरी है। घाटी इस नदी के उत्तर से दक्षिण की ओर फैली है। यह घाटी 80 किलोमीटर लंबी है तथा इसका सबसे बड़ा चौड़ा पाट 2 किलोमीटर है। घाटी में श्रद्धा और भय से प्रेरणा देने वाली कंदराएं, तेज धारा के बहते हुए नाले तथा घुमावदार छोटे नालों से घिरी हुई काईदार चरागाहें हैं। यह हाथ से बुने हुए अत्युत्तम शाल और कुल्लू टोपियों के लिए भी प्रसिद्ध है। वंसत  ऋतु में कुल्लू अपने सबसे रंगीन रूप में होता है। मार्च के आरंभ में खेतों में चिन्हित आडू और प्लम के वृक्ष गुलाबी फलों से विकसित होते हैं तथा जंगली मैडलर सफेद फूलों से लदे होते हैं। ऊंची ढलानें जल्दी ही चुंधिया देने वाले बुरांशों से चमकने लगती हैं, नदी के निकट सफेद अंगूरी गुच्छे चमकते हैं तथा सीढ़ीदार खेत हरे रंग से सुनहरी रंग में बदल जाते हैं। व्यास नदी के तट पर ही स्थित कुल्लू नगर जिला का मुख्यालय है।

कसोल

यह कुल्लू से 42 किलोमीटर की दूरी पर पार्वती नदी के किनारे स्थित है। यह मनोहारी रूप से एक खुले स्थान में स्थित है। यह पार्वती नदी के किनारे तक शुद्ध सफेद रेत के विस्तार तक ढलानदार रूप में नीचे तक जाता है। कसोल ट्राउट मछली पकड़ने के लिए भी प्रसिद्ध है।

काठगढ़

ब्यास  और चौंच नदियों के संगम पर इंदौरा से सात किलोमीटर की दूरी पर काठगढ़ गांव स्थित है। यह मुगल शैली में बना एक पुराना मंदिर है जिसमें छह फुट लंबा और 5 फुट गोलार्द्ध की शक्ल का शिवलिंग है। यह अपनी ही प्रकार  का एक लिंग है, जो विश्व में अन्यत्र नहीं मिलता।

कटराईं

यह  कुल्लू जिला में 1463 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। घाटी का केंद्रीय और सबसे चौड़ा मार्ग कटराईं कुल्लू नगर से मनाली के मार्ग पर 20 किलोमीटर की दूरी पर है। सेब के बागीचे और ट्राउट मछली के अंडे सेने के कार्य ने इस स्थान को सौंदर्य और प्रसिद्धि प्रदान की है। यह शहद की मक्खियों के लिए भी प्रसिद्ध है तथा पतली कूल्ह में सरकार द्वारा बनाया गया मछली फार्म भी है।

किब्बर

स्थानीय लोग इसे खईपुर के नाम से पुकारते हैं। यह संसार के सबसे ऊंचे गांवों में से एक है, जो समुद्र तल से 4205 मीटर ऊपर चारों ओर पार्वती से घिरी हुई एक तंग घाटी में स्थित है।

—क्रमशः  


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