चंडीगढ़ में मिलिट्री मेला शुरू
पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन
चंडीगढ़— पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने मिलिट्री साहित्यक मेले का उद्घाटन किया। चंडीगढ़ के लेक क्लब में शुरू हुए इस मेले के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह साहित्यक मेला जहां नौजवान पीढ़ी के लिए देश की समृद्धी और गौरवमयी सैन्य विरासत को जानने और पढ़ने का प्रभावशाली मंच साबित होगा, वहीं नौजवानों के लिए देश के बहादुर और सशस्त्र बलों का हिस्सा बनने के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगा। बड़ी संख्या में प्रसिद्ध सेना आधिकारियों, पूर्व सैनिकों, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, लेखकों, पत्रकारों, जंगी संवाददाताओं, इतिहासकारों, कवियों, कलाकारों, शोधकर्त्ता और उद्योगपतियों द्वारा इस नवीन मंच पर अपने तजुर्बे और अंतरदृष्टि को साझा करने को पंजाब के राज्यपाल ने बच्चों विशेषकर दूर-दराज क्षेत्रों के बच्चों को सेना आधिकारियों, कर्मचारियों, पूर्व सैनिकों और युद्ध माहिरों से बातचीत का उचित अवसर करार दिया। कैप्टन बाना सिंह ने बच्चों को बताया कि परमवीर चक्र देश का सर्वोच्च मिलट्री अवार्ड है, जो देश की सेवा में अपना योगदान देने वाले सैनिकों के बेमिसाल योगदान को बयान करता है। कैप्टन बाना सिंह जो खुद भी परमवीर चक्र से सम्मानित हैं ने बताया कि अब तक कुल 21 सैनिकों को इस गौरवमयी अवार्ड से सम्मान किया जा चुका है, जिनमें से 14 को मरणोपरांत, जबकि सात को जीवित रहते हुए यह अवार्ड दिया गया। उन्होंने कहा कि इस समय पर सिर्फ तीन सैनिक जीवित हैं। इस अवसर पर घुसपैठ जो गत वर्षों के दौरान सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है, इस संबंधी भी चर्चा हुई। विचार-विमर्श के दौरान कैप्टन अमरेंदर सिंह और दि ट्रिब्यून के मुख्य संपादक हरीश खरे के साथ लेफ्टिनेंट जनरल मुखर्जी, ब्रिगेडियर एमएस गिल, ब्रिगेडियर आईएस गाखल और मेजर जनरल शिवदेव सिंह भी शामिल थे।
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