तीन तलाक होगा अपराध

By: Dec 16th, 2017 12:10 am

मोदी कैबिनेट का बड़ा कदम, मुस्लिम महिला बिल को मंजूरी

नई दिल्ली— मोदी कैबिनेट ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) बिल, 2017 को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए जुबानी, लिखित या किसी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को गैरकानूनी बनाया जाएगा। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा। शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बाद हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में इस बिल को हरी झंडी दी गई। माना जा रहा है कि सरकार इसे संसद के चालू शीतकालीन सत्र में पारित करवाने की कोशिश करेगी। इसके पहले केंद्र के ड्राफ्ट बिल का आठ राज्यों ने समर्थन किया था। कानून मंत्रालय ने लगभग एक पखवाड़े पहले तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने और इसे एक दंडनीय और गैर-जमानती अपराध बनाने से जुड़े प्रस्तावित कानून पर सभी राज्य सरकारों से राय मांगी थी। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, झारखंड, असम, मणिपुर आदि राज्यों ने ड्राफ्ट बिल पर सरकार का समर्थन किया है, जबकि अन्य राज्यों के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 22 अगस्त को दिए अपने फैसले में सदियों से चली आ रही इस इस्लामिक प्रथा को मनमाना और असंवैधानिक करार दिया था, लेकिन इसके बावजूद कई जगहों से तीन तलाक दिए जाने की रिपोर्ट्स आ रही हैं। तीन तलाक की शिकायतें मिलने के मद्देनजर केंद्र ने इसका समाधान निकालने का उपाय सुझाने के लिए एक कमेटी बनाई थी। कमेटी में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और दो राज्यमंत्री शामिल रहे। प्रस्तावित बिल में पत्नियों को तीन बार तलाक बोलकर तलाक देने की कोशिश करने वाले मुस्लिम पुरुषों को तीन वर्ष की कैद की सजा देने और पीडि़त महिलाओं को कोर्ट से गुहार लगाकर उचित मुआवजा और अपने नाबालिग बच्चों की कस्टडी मांगने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। आधिकारिक डाटा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के अगस्त के फैसले के बाद देश भर से तीन तलाक देने के 67 मामलों की रिपोर्ट्स मिली हैं। इनमें से अधिकतर मामले उत्तर प्रदेश के हैं। हालांकि, यह कानून बनने के बाद भी जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होगा।


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