नाम सीएचसी, काम पीएचसी जैसा भी नहीं

By: Dec 11th, 2017 12:05 am

नगरोटा सूरियां — नगरोटा सूरियां के स्वास्थ्य केंद्र का नाम तो सीएचसी है, लेकिन इस अस्पताल में सुविधाएं पीएचसी के बराबर भी नहीं हैं।  स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा बढ़े हुए 20 व भवन को बने हुए करीब 40 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी तक बीएमओ को अपना कार्यालय नहीं मिल पाया है। स्वास्थ्य केंद्र का कार्यालय स्टाफ के बने भवनों में चल रहा है। सीएचसी में 30 बेड, छह डाक्टर व छह नर्सें होनी चाहिए, लेकिन नगरोटा सूरियां में छह बेड, एक लेडी डाक्टर, एक बीएमओ तथा एक स्टाफ नर्स है। अस्पताल में एक्स-रे के लिए कर्मचारी नहीं है। मरीजों को सुविधाएं न मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले छह वर्षों से अस्पताल में  कोई सफाई कर्मचारी नहीं है। एक्स-रे के लिए कमीशन पर कर्मचारी रखा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हर रोज 180 ओपीडी होती है। इस सीएचसी के अधीन दो पीएचसी  भी है। घाड़जरोट, मसरूर व घाड़जरोट में डाक्टर नहीं है, वहां फार्मासिस्ट मरीजों का चैकअप करता है। स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने पर लोगों को कांगड़ा व पठानकोट का रुख करना पड़ रहा है। उधर, इस बारे में खंड चिकित्सा अधिकारी मोहन चौधरी ने बताया कि सरकार को हर माह स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी तथा सभी अन्य रिपोर्ट भेजी जाती है। स्थानीय ग्रामीणों व पंचायत सदस्य जोगिंद्र शर्मा, सुरिंद्र शर्मा, मनोज महाजन, अर्जुन सिंह, कुलदीप सिंह, प्रेम स्वरूप, राम कृष्ण व प्रमोद सिंह ने कहा कि नई सरकार से आस है कि वह इस स्वास्थ्य केंद्र की ओर अवश्य ध्यान देंगे। वहीं, ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मांग की है कि नगरोटा सूरियां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।


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