पौंग विस्थापितों को मुरब्बों की जगह पैसा

By: Dec 3rd, 2017 12:12 am

शिमला – पौंग विस्थापितों की अरसे से लंबित पड़ी मांग अब सुलझती नजर आ रही है। केंद्रीय हस्तक्षेप के चलते अब पौंग विस्थापितों को मुरब्बों के स्थान पर रकम जारी करने की तैयारी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बाबत राजस्थान सरकार को निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि जो हाई पावर कमेटी गठित की गई थी, उसने केंद्रीय सचिव की अध्यक्षता में बीकानेर व अन्य स्थानों का दौरा किया। राजस्थान सरकार पाक बॉर्डर के समीप जैसलमेर के आसपास जमीन दिखा रही थी, जिसे रिजेक्ट कर दिया गया, क्योंकि ऐसे इलाकों में बसने की संभावनाएं सही नहीं थी। दूसरे यह क्षेत्र फायरिंग रेंज में आता है। इस बारे में जनवरी तक प्रगति हो सकती है। प्रदेश में 2500 से भी ज्यादा पौंग विस्थापित है, जो अपनी मांग को लेकर 60 के दशक से ही निराशा झेलते आ रहे हैं। राजस्थान में भाजपा की सरकार है और केंद्र में भी भाजपा सत्तासीन है। ऐसे में लोगों को अधिक उम्मीद रही है। वर्षों से विस्थापित कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पड़े हैं, परंतु अभी भी न्याय के इंतजार में बैठे हैं। कांग्रेस सरकार के समय में यहां राजस्थान सरकार के मंत्रियों ने शिमला में भी बैठक की, वहीं राजस्थान जाकर यहां के मंत्रियों ने भी वार्ता की। अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जिनको पुनर्वास नहीं हो सका है और मुद्दा वैसा ही खड़ा है। जानकारी के अनुसार हिमाचल में पौंग डैम के निर्माण से विस्थापित हुए लगभग 2500 विस्थापित ऐसे हैं, जिनको अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। इसमें 2000 के करीब वे विस्थापित हैं, जिनको सूचीबद्ध करने के बावजूद उनका हक नहीं मिल पाया है, जबकि 500 के करीब वे विस्थापित हैं, जिनको सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर पुनर्वास के लिए कहा गया है। इनका मामला हाई पावर कमेटी के पास है। राजस्थान में कई लोगों को उनकी जमीन के मुरब्बे देने का निर्णय लिया गया था, वहीं राजस्थान सरकार के मंत्रियों के साथ यहां पर विस्तार से बातचीत की गई। अब उम्मीद की जा रही है कि लंबित पड़े इस मसले का स्थायी हल मिल सकता है।

1960 में हुआ था निर्माण : पौंग डैम का निर्माण 1960 के दशक में हुआ था। वर्ष, 2003-04 में कई सालों बाद यहां के 10584 विस्थापितों को राजस्थान के श्रीगंगानगर व अन्य स्थानों पर जमीन मिल पाई थी। कई लोगों ने अपने मुरब्बे बेच भी दिए और वर्तमान में 8901 लोगों के पास ये मुरब्बे वहां पर हैं।


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